Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जुबान इन दिनों सार्वजनिक कार्यक्रमों में लगातार फिसल जा रही है। इस बार उन्होंने मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री कह कर संबोधित कर दिया। वहां मौजूद लोगों ने टोका तो बात सुधारी। लेकिन फिर भी खुद को फालतू मुख्यमंत्री करार दिया।
दरअसल, आज पंचायती राज विभाग के कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने मुख्य मुख्यमंत्री साहब को बधाई दी। दरअसल, नीतीश कुमार बिहार के सारे पंचायतों में बनने वाले पंचायत सरकार भवन का जिक्र कर रहे थे। नीतीश कुमार कह रहे थे कि वे चाहते हैं कि बिहार के सारे पंचायतों में जल्द से जल्द पंचायत सरकार भवन बन जाये। इसी दौरान उनकी जुबान फिसली।
नीतीश कुमार ने कहा-“यहां पर विभाग और चीफ...मुख्यमंत्री जी हैं। यहां पर मुख्य सचिव हैं। मुख्यमंत्री तो हम ही हैं, फालतू। मुख्य सचिव पर तंज कसते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि ''महामहिम मुख्य सचिव महोदय'', आप रोज मीटिंग लीजिए। समीक्षा करिए। पंचायती राज मंत्री से मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री जी आपसे कहेंगे कि आप वित्त मंत्री से भी कभी-कभी बात करिए।
कहीं कोई समस्या रहे तुरंत आकर बताइए। कार्यक्रम में पहले मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री बताना और फिर खुद को फालतू मुख्यमंत्री बात देना। वहां मौजूद लोगों के बीच ये चर्चा का विषय बन गया। हालांकि ये पहला मामला नहीं है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जुबान फिसली है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी जुबान लगातार फिसल रही है।
कुछ दिनों पहले ही वे अपने जनता दरबार में गृह मंत्री को तलाशने लगे थे। वे अपने अधिकारियों से लगातार कहते रहे कि गृह मंत्री से बात कराओ। जबकि बिहार के गृह मंत्री तो नीतीश कुमार खुद हैं। लेकिन नीतीश कुमार लगातार गृह मंत्री को तलाश रहे थे। वहां मौजूद अधिकारी काफी देर तक हैरान रहे कि आखिर किस गृह मंत्री की तलाश हो रही है?
इस वाकये के बाद मुख्यमंत्री के जनता दरबार का लाइव टेलीकास्ट रोक दिया गया है। इससे पहले नीतीश कुमार विधानसभा में ये कह चुके हैं कि वे जब देश के गृह मंत्री थे तो अपने मंत्रालय में खिलाड़ियों को नौकरी में आरक्षण दिया था। लेकिन नीतीश कुमार कभी देश के गृह मंत्री नहीं रहे। नीतीश कुमार के कार्यक्रमों में ऐसे कई वाकये हुए हैं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनता रहा है।