पटनाःबिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत पुरुष शिक्षक विभिन्न जिलों में गर्भवती हो जा रहे हैं। अभी पिछले दिनों वैशाली जिले में एक पुरुष शिक्षक के गर्भवती होने के कारण मातृत्व अवकाश(मैटरनिटी लीव) पर शिक्षा विभाग के द्वारा भेजे जाने का मामला अभी सुर्खियों में था ही कि अब 24 घंटे के अंदर ही एक दूसरा मामला जमुई से सामने आ गया है। जमुई जिले के सोनो प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, ढोंढरी के शिक्षक मोहम्मद जहीर को शिक्षा विभाग ने मैटरनिटी लीव दे दिया है। दरअसल, शिक्षक मोहम्मद जहीर ने मेडिकल लीव का आवेदन प्रभारी प्रधानाध्यापक शंकर रजक को दिया था।
स्कूल के प्रभारी ने आवेदन को अग्रसारित कर शिक्षा विभाग जमुई को भेज दिया। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने जहीर को मेडिकल लीव के बजाय मैटरनिटी लीव अप्रूव कर दी। इसके बाद आवेदन और मैटरनिटी लीव की कॉपी तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। शिक्षक जहीर भी इस घटनाक्रम से हतप्रभ हैं।
वहीं, इस मामले में राजद ने सवाल खड़े करते हुए नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि सरकार और अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बेहतर शिक्षा के वातावरण के लिए काम हो रहा है। लेकिन यह किस तरीके का काम हो रहा है? शिक्षा विभाग के कारनामे अब सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग और सरकार शिक्षा विभाग में परसेप्शन बनाने का काम कर रहे हैं, लेकिन वह सिर्फ दिखावा है। विभाग के अंदर गंभीरता नहीं है, इसीलिए इस तरह के कारनामे उजागर हो रहे हैं। इस तरह के अद्भुत करना में सामने आ रहे हैं, जिसकी वजह से पूरा बिहार शर्मसार महसूस कर रहा है।
वहीं इस मामले में जदयू प्रवक्ता मनीष यादव ने कहा कि इस मामले की जांच हो रही है। डीईओ से हमारी बात हुई है और स्कूल के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग निश्चित रूप से इस मामले पर जांच करेगी और जो लोग भी इसमें दोषी पाए जाएंगे, उन पर उचित कार्रवाई भी होगी। इस बीच भाजपा ने कहा कि मामला प्रकाश में आते ही विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि कुछ नाम ऐसे भी होते हैं, जिसमें महिला और पुरुष नाम के आधार पर फर्क कर पाना मुश्किल होता है। इसी में विभाग को झांसा देकर शिक्षक अनुचित लाभ उठा लेते हैं। ऐसे लोगों की अब खैर नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। दूध का दूध और पानी का पानी होगा, न्याय होना तय है।