आठ मिनट में सीएम नीतीश ने 15 बार देखा तेजस्वी को, राजद नेता की सहमति के बगैर बोल भी नहीं पा रहे मुख्यमंत्री!
By एस पी सिन्हा | Updated: October 8, 2022 17:22 IST2022-10-08T17:20:57+5:302022-10-08T17:22:08+5:30
बिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने और जेपी की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और वित्त मंत्री विजय चौधरी सहित कई अन्य नेता शामिल थे।

तेजस्वी यादव इशारों में अपनी सहमति दे रहे थे।
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सहमति के बगैर कोई भी कदम नही उठा पा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण तब सामने आया, जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट पर नीतीश कुमार बोल रहे थे।
मीडिया से जितनी देर नीतीश कुमार ने बातचीत की, उसमें वह बार-बार तेजस्वी यादव की तरफ देख रहे थे। नीतीश कुमार ने इस दौरान लगभग आठ मिनट के करीब मीडिया से बातचीत की। इन आठ मिनटों में वह लगभग 15 बार तेजस्वी यादव की तरफ देखते रहे। वहीं तेजस्वी भी इशारे से अपनी रजामंदी देते नजर आए।
इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह नीतीश कुमार अपनी हर बात कहने से पूर्व तेजस्वी यादव की तरफ देख रहे थे। वहीं उनकी बातों को तेजस्वी यादव इशारों में अपनी सहमति दे रहे थे। ऐसा लगा कि वह यह बयान खुद से न देकर राजद के दबाव में दे रहे हों।
"I've Seen, There's Nothing": Nitish Kumar Defends Lalu Yadav In CBI Case https://t.co/sA9VkVgYzupic.twitter.com/Qu3FPgTRqL
— NDTV (@ndtv) October 8, 2022
लालू राबड़ी पर लगभग डेढ़ मिनट तक नीतीश कुमार ने बात की। इस दौरान हर बात के बाद वह तेजस्वी यादव की तरफ देख रहे थे, जबकि उनके बगल में खड़े वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी की तरफ उन्होंने एक बार भी नहीं देखा। वहीं तेजस्वी यादव भी मौन रहते हुए इशारों में यह कह रहे थे कि यही बात कहना है।
आज शनिवार को जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि थी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने और जेपी की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और वित्त मंत्री विजय चौधरी सहित कई अन्य नेता शामिल थे।
बता दें कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही नीतीश कुमार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह राजद और लालू परिवार के हाथों की कठपुतली बन कर रह गए हैं। पूर्व में कई कार्यक्रमों के उद्घाटन के दौरान भी यह स्थिति देखी जा चुकी है।