शराब की बोतलों से कलाइयों में खनकेगी चूड़ियां, बिहार सरकार की नई पहल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 10, 2022 16:55 IST2022-09-10T16:48:26+5:302022-09-10T16:55:01+5:30

बिहार सरकार जब्त की गई शराब की बोतलों से कांच की चूड़ियां बनाने के लिए एक योजना की की शुरूआत करने जा रही है। इसके तहत 'जीविका' से जुड़ी महिलाओं को चूड़ी निर्माण के कार्य में लगाया जाएगा, जिससे उन्हें आजीविका मिलेगी।

Bangles will ring in the wrists from liquor bottles, Bihar government's new initiative | शराब की बोतलों से कलाइयों में खनकेगी चूड़ियां, बिहार सरकार की नई पहल

फाइल फोटो

Highlightsबिहार सरकार अब सूबे में जब्त होने वाली शराब की बोतलों से कांच की चूड़ियां बनवायेगीयह कार्य 'जीविका' से जुड़ी महिलाओं से कराया जाएगा, जिससे वो आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होंगीशराब की बोलतों से चूड़ी बनाने वाली फैक्ट्री के निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये की भी आवंटन हुआ है

पटना:शराबबंदी राज्य बिहार में अब शराब की जब्त बोतलों से कांच की चूड़ियां बनाई जाएंगी। बिहार सरकार ने इस नई पहल के जरिये ग्रामीण महिलाओं को बहुत फायदा मिलने वाला है। इससे महिलाओं को आजीविका मिलेगी और जब्त की गई शराब की बोतलों का सदुपयोग हो सकेगा।

इस संबंध में राज्य के निषेध विभाग ने ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम 'जीविका' से जुड़ी महिलाओं के लिए चूड़ी निर्माण फैक्ट्री लगाने के लिए प्रारंभिक धनराराशि के तौर पर 1 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

राज्य के मद्य निषेध और आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि शराबबंदी के बाद राज्य में हर साल बड़ी मात्रा में शराब की बोतलें जब्त की जाती है और जब्त की गई उन बोतलों के निस्तारण में विभाग के अधिकारियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने कहा, "चूंकि जब्त शराब की बोतलों को अर्थमूवर्स के उपयोग में लाने के लिए रोलर से कुचला जाता है, जिसके परिणामस्वरूप भारी कचरा भी जमा होता है। इस कारण अब विभाग ने फैसला किया है कि शराब की जब्त बोतलों से चूड़ियों का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए जीविका श्रमिकों को कच्चे माल के तौर पर उन कुचली हुई बोतलों को दिया जाएगा। इसलिए ग्रामीण विकास विभाग जीविका श्रमिकों के एक ग्रुप को कांच की द्वारा चूड़ियां बनाने के लिए प्रशिक्षिक कर रहा है।"

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "इस नई पहल को सशक्त बनाने के लिए और विस्तार देने के लिए एक व्यापक व्यवहार्यता रिपोर्ट भी बनाई जा रही है। शुरुआत में जब्त बोतलों के विनिर्माण इकाइयों की संख्या सीमित होगी, लेकिन आने वाले महीनों में इसे और भी बढ़ाया जाएगा और यह किसी कुटीर उद्योग की तरह काम करेगा।"

वहीं मद्य विभाग की इस पहल पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से चलाई जा रही जीविका योजना का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन करना है। उन्होंने कहा, "मद्य विभाग की ओर से प्रस्तावित योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं के लिए अधिक रोजगार पैदा होगा। जीविका कार्यकर्ता पहले से ही एलईडी ट्यूब लाइट और बल्ब के निर्माण में लगी हुई हैं और अब वो शराब की जब्त बोतलों से चूड़ियां बनाने की काम में लगेगी और इससे वो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी।"

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग चूड़ी निर्माण पहल पर निषेध विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, "दोनों विभागों के अधिकारी संयुक्त रूप से पहल के लिए व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं। जल्द ही इस परियोजना की शुरूआत पटना से होने की उम्मीद है।"

मालूम हो कि बिहार की तत्कालीन नीतीश कुमार सरकार ने अप्रैल 2016 से पूरे प्रदेश में शराब को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके तहत शराब का भंडारण, परिवहन, बिक्री, खपत और निर्माण एक दंडनीय अपराध है। इस संबंध में बिहार पुलिस ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक उसने इस साल जनवरी से मई के बीच पूरे बिहार से 13.87 लाख लीटर से ज्यादा शराब को जब्त किया है।

इस दौरान पुलिस और मद्य विभाग ने कुल 8.15 लाख लीटर भारतीय निर्मित विदेशी शराब और 5.72 लाख लीटर देशी शराब बरामद की साथ में शराबबंदी उल्लंघन के मामले में कुल 36,120 केस दर्ज किए। मद्य विभाग के मुताबिक पटना में 1.36 लाख लीटर, वैशाली में 89,944 लीटर, समस्तीपुर में 75,688 लीटर, सारण में 75,294 लीटर और औरंगाबाद में 69,327 लीटर शराब जब्त की गई है। 

Web Title: Bangles will ring in the wrists from liquor bottles, Bihar government's new initiative

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