'आखिर मेरी खता क्या है', ये कहकर मंच पर भी रोने लगे आजम खान, वायरल हुआ वीडियो
By पल्लवी कुमारी | Published: October 12, 2019 11:53 AM2019-10-12T11:53:32+5:302019-10-12T11:53:32+5:30
जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए विभिन्न किसानों की जमीन कथित रूप से बलपूर्वक लेने के लिए उन किसानों ने आजम खान के खिलाफ 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और सांसद आजम खान रामपुर के किला मैदान में चुनावी रैली के दौरान मंच पर रोते दिखें। कई मामलों में एसआईटी जांच झेल रहे आजम खान ने रोते हुए आवाज में लोगों ले पूछा, मुझे बस इतना बता दीजिए कि आखिर मेरी खता क्या है? सिर्फ इतनी ही कि मैंने आप लोगों के बच्चों के हाथों में कलम दी।' जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए विभिन्न किसानों की जमीन कथित रूप से बलपूर्वक लेने के लिए उन किसानों ने आजम खान के खिलाफ 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आजम खान ने कहा, 'मेरी आवाज को आप लोग कमजोर मत होने दो, मुझे थकने मत दो। कब्र में जाने से पहले हिसाब होगा।' रामपुर के किला मैदान में चुनावी रैली में आजम खान ने कहा, 'मेरे माथे पर लिखी बदनसीबी को पढ़ने को कोशिश करो। पूरे हिंदुस्तान के लोगों से, बुद्धिजीवियों से, इंसाफ देने वालों से जानना चाहता हूं कि मेरी खता क्या है? मुझे इंसाफ दो। इंसानियत और इंसान के लिए लड़ने वाला एक बेसहारा शख्स जो आज से 45 साल पहले तुम्हारे आंसू पोंछने आया था। वह कई बार बीमार भी हुआ, हिम्मत ने जवाब देना चाहा लेकिन पीछे मुड़कर देखा तो एक 102 बरस का बुजुर्ग सीधा खड़ा था। उसने पीठ पर हाथ रखकर कहा, आगे चलो अभी मंजिल बहुत दूर है।'
आजम खाने ने कहा कि वो एक खुली किताब हैं। एक ऐसी किताब जिसका एक भी लफ्ट और शब्द मिला नही हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आजम खान की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
आजम खान के खिलाफ दर्ज 27 आपराधिक मामलों में उनकी गिरफ्तारी पर 25 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी। आजम खान ने 13 जुलाई से 20 जुलाई, 2019 के बीच उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकियों को चुनौती दी थी। गिरफ्तारी पर रोक का आदेश पारित करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और किसानों की ओर से पेश हुए वकील को अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा।
अदालत ने अभिनेत्री जया प्रदा को नोटिस जारी किया क्योंकि आजम खान ने उनके खिलाफ आरोप लगाया है कि जया प्रदा के इशारे पर ये सभी झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। खान ने जया प्रदा को प्रतिवादी भी बनाया है। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि 13 से 20 जुलाई, 2019 के बीच उनके खिलाफ 26 प्राथमिकी दर्ज कराई गईं और 3 अगस्त को एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
रामपुर जिले के अजीम नगर पुलिस थाने में दर्ज इन प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए किसानों की जमीन जबरदस्ती ले ली गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक दुश्मनी की वजह से रामपुर जिला प्रशासन के निर्देश पर उनके खिलाफ झूठे प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की।