धरती के करीब से आधी रात को आज गुजरेगा एफिल टावर जितना बड़ा एस्टेरॉयड, जानिए नासा ने क्या कहा
By विनीत कुमार | Published: January 6, 2021 03:35 PM2021-01-06T15:35:07+5:302021-01-06T15:55:19+5:30
धरती के करीब से आज 6 एस्टेरॉयड गुजरेंगे। इसमें दो का आकार एफिल टावर जितना बड़ा है। हालांकि नासा ने साफ किया है कि इससे धरती को कोई खतरा नहीं है।
पृथ्वी की कक्षा के बेहद करीब से आज 6 क्षुद्रग्रह या एस्टेरॉयड (Asteroid) गुजरेंगे। नासा के अनुसार इनमें से 2 एस्टेरॉयड एफिल टावर जितने बड़े हैं। नासा ने बताया है कि 6 जनवरी को 6 एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरेंगे।
इनमें एफिल टावर जितने बड़े एस्टेरॉयड अगर धरती से कभी टकराते हैं तो बड़ी तबाही मच सकती है। हालांकि ये भी बता दें कि नासा ने फिलहाल ऐसी किसी भी आशंका से इनकार किया है।
सबसे छोटा एस्टेरॉयड व्यास में 20 मीटर का
नासा के अनुसार इनके धरती की कक्षा में आने या इससे टकराने की कोई संभावना नहीं है। छह एस्टेरॉयड में सबसे छोटे क्षुद्रग्रह का नाम 2021 AJ रखा गया है और ये व्यास में 20 मीटर से बड़ा नहीं है।
भारतीय समय के अनुसार ये शाम करीब 5 बजे धरती के करीब से गुजरेगा। इसके अलावा एक 2021 AC नाम का एस्टेरॉयड बुधवार सुबह धरती के करीब से गुजर गया। इसका व्यास 73.5 मीटर था और ये 50,652 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से धरती के नजदीक से गुजरा।
सबसे आखिर में सबसे बड़े एस्टेरॉयड से 'सामना'
नासा के अनुसार शाम करीब 7 बजे 2018 KP1 नाम का क्षुद्रग्रह गुजरेगा। ये व्यास में 32 मीटर है। इसके बाद 41 मीटर के व्यास वाला एक और एस्टेरॉयड धरती से 31 लाख किलोमीटर की दूसरी से होकर गुजरेगा। इसकी स्पीड 15,948 प्रतिघंटा होगी।
वहीं, हमसे केवल करीब 14 लाख किलोमीटर की दूसरी से 2021 AU नाम का एस्टेरॉयड गुजरेगा। इसका संभावित व्यास 60 मीटर है। इन सभी में सबसे आखिर में 2008 AF4 एस्टेरॉयड भारतीय समय के अनुसार रात करीब 2.30 बजे (7 जनवरी को तड़के) 39,654 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से गुजरेगा।
धरती से होगा 1.5 करोड़ किलोमीटर दूर
आधी रात को गुजरने वाले इस एस्टेरॉयड का व्यास 500 मीटर होगा। हालांकि धरती से इसकी दूरी 1.5 करोड़ किलोमीटर होगी और ऐसे में हम पर कई खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर कोई ऐसा एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो इसका असर सबसे बड़े परमाणु बम की तरह होगा।
नासा के अनुसार पृथ्वी के पास से गुजरने वाले क्षुद्रग्रह खतरा पैदा नहीं करते है। केवल नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) पृथ्वी के लिए खतरा पैदा करते हैं।
ये भी उनके आकार पर निर्भर करता है। इससे भी किसी बड़े खतरे की आशंका बहुत कम इसलिए रहती है क्योंकि वायुमंडल में प्रवेश करने पर घर्षण से ये आकाशीय पिंड जलने लगते हैं और इनके आकार में कमी आ जाती है और ये छोटे टुकड़ों में बदल जाते हैं।