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नासा की नई रिसर्च में खुलासा, धरती से बेन्नू एस्टरॉइड के टकराने की आशंका बढ़ी, ये होगी तारीख

By विनीत कुमार | Updated: August 13, 2021 11:48 IST

नासा की हाल की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि धरती से बेन्नू एस्टरॉइड के टकराने की आशंका बढ़ गई है। बेन्नू से लौट रहे नासा के स्पेसक्रॉफ्ट से मिले डेटा के आधार पर ये जानकारी सामने आई है।

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ठळक मुद्देनासा के अनुसार बेन्नू एस्टरॉइड न्यूयॉर्क के एंपायर स्टेट बिल्डिंग जितना बड़ा है।वैज्ञानिकों के अनुसार बेन्नू एस्टरॉइड अगर धरती से टकराता है तो बड़ी तबाही मचा सकता है।बेन्नू से लौट रहे नासा के OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट की मदद से सामने आए हैं नए आंकड़े।

नई दिल्ली: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने आशंका जताई है कि बेन्नू नाम के क्षुद्रग्रह (asteroid) के धरती से टकराने की आशंका बढ़ गई है। स्पेस एजेंसी नासा  लगातार अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टरॉइड्स पर नजर रखती है। नासा के अनुसार बेन्नू एस्टरॉइड न्यूयॉर्क के एंपायर स्टेट बिल्डिंग जितना बड़ा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर ये धरती से टकराता है तो व्यापक नुकसान पहुंचा सकता है। 

हालांकि, इसे लेकर अभी चिंता की बात नहीं है क्योंकि इसके टकराने की आशंका साल 2100 के बाद है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बेन्नू के धरती से टकराने की आशंका साल 2021 से 2300 के बीच 1750 में से एक बार है। 

दरअसल, बेन्नू से लौट रहे नासा के OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट की मदद से ये आंकड़े सामने आए हैं। इससे पहले माना जा रहा था कि बेन्नू एस्टॉराइड (101955) साल 2200 से 2700 के बीच धरती से टकरा सकता है और इसकी आशंका भी 2700 में एक बार थी।

धरती से कब टकरा सकता है बन्नू एस्टॉराइड

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2135 तक बेन्नू धरती से 12500 मील दूर रह जाएगा। ये दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी का करीब आधा है। वैज्ञानिकों ने 'गुरुत्वाकर्षण कीहोल' नाम की घटना का हवाला देते हुए ये भी कहा कि इसकी वजह से बेन्नू एक अलग रास्ते पर जा सकता है और करीब 2135 के 50 साल बाद धरती के रास्ते में ये आ सकेगा।

वैज्ञानिकों ने एक सटीक तारीख का भी अनुमान लगाया है जब बेन्नू धरती से टकराएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार 24 सितंबर 2182 को इसके धरती से टकराने की आशंका है। हालांकि साथ ही वैज्ञानिक कहते हैं कि ये आशंका भी बहुत कम यानी 0.037 प्रतिशत ही है।

वैज्ञानिकों ने यह भी आश्वस्त किया है कि हालांकि यह घटना ऐसी नहीं होगी कि धरती से जीवन विलुप्त हो जाए लेकिन इससे होने वाली तबाही बहुत बड़ी हो सकती है। 

नासा में एक ग्रह रक्षा अधिकारी के रूप में काम करने वाले लिंडली जॉनसन के अनुसार, 'आधा किलोमीटर आकार का कोई वस्तु कम से कम पांच किलोमीटर व्यास वाला एक क्रेटर (गड्ढा) धरती पर बना सकता है। यह अधिकतम 10 किलोमीटर तक का भी हो सकता है। हालांकि, तबाही इस क्षेत्र से कहीं अधिक दूर तक देखी जा सकती है। अनुमान के अनुसार ये तबाही क्रेटर के आकार का 100 गुना तक हो सकता है।'

टॅग्स :नासा
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