अनुराग कश्यप ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर मांगी माफी, कहा- मंडल कमीशन के खिलाफ था लेकिन अब SC/ST के साथ हूं, जो हुआ टीनएज में हुआ
By पल्लवी कुमारी | Updated: December 23, 2019 14:13 IST2019-12-23T14:13:20+5:302019-12-23T14:13:20+5:30
20 दिसंबर, 1978 मोरारजी देसाई की सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा की थी, जिसका नाम मंडल आयोग रखा गया था।

अनुराग कश्यप ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर मांगी माफी, कहा- मंडल कमीशन के खिलाफ था लेकिन अब SC/ST के साथ हूं, जो हुआ टीनएज में हुआ
फिल्म निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर CAA और NRC के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोल कर रहे हैं । इसी बीच उन्होंने अपने टीनएज में किए एक काम को लेकर माफी मांगी है। अनुराग कश्यप ने ट्वीट कर लिखा है, यह ट्वीट एक आरोप के जवाब में है। जिसमें मैंने मंडल कमीशन के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने की बात की थी। इस बात के लिए मुझसे बहुत से लोग नाराज हैं। मैंने वह काम टीनएज में किया था, जिसके लिए मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं और पूरी तरह से एससी / एसटी / ओबीसी के अधिकारों और आरक्षण के लिए खड़ा हूं।''
अनुराग कश्यप ने लिखा, जी हां, अगस्त क्रांति मैदान में मैं था और अन्ना हज़ारे के पीछे एंटी-करप्शन विरोध में भी था, और 27 साल पहले मंडल कमिशन का भी विरोध करने सड़क पर उतरा था। इसपर बिलकुल गर्व नहीं करता। वो एक सच है मेरा जो छिपा नहीं सकता और कहीं भी, कभी भी माफ़ी मांग सकता हूं। यहां भी मांगता हूं। वो मैं था,आज नहीं हूं।
अनुराग कश्यप ने लिखा, जब मैंने विरोध में शामिल हुआ था तो मैं 19 साल का था लेकिन आज मैं इसका विरोध करता हूं। मैं अनजान था और मुझे इस पर गर्व नहीं है। लेकिन अगर मैं ऐसा नहीं होता, तो मैं वह नहीं होता जो मैं आज हूं... मेरा जवाब एक आरोप का जवाब था और एक झूठ के पीछे छिपा नहीं है।
उन्होंने लिखा, तेजस मैं इसके लिए पूरी तरह से माफी मांगूंगा। मैंने आरोप के जवाब में ट्वीट लिखा है। मैं एससी / एसटी / ओबीसी आरक्षण का विरोध नहीं करता। लेकिन मैं मंडल के खिलाफ था और यह एक सच्चाई है जिसे मैं किसी के लिए इसे खोदने और मुझ पर फेंकने के लिए नहीं छिपा सकता।
सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की स्थिति जानने के लिए मंडल कमीशन का गठन किया गया था। 20 दिसंबर, 1978 मोरारजी देसाई की सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा की थी, जिसका नाम मंडल आयोग रखा गया था। मंडल आयोग ने ही सरकारी नौकरियों में पिछडे़ वर्गों के लोगों के लिए 27 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की थी। इस आयोग का जमकर विरोध भी हुआ।

