दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज होते ही ट्रेंड हुआ #NirbhayaCase, जल्द से जल्द फांसी देने की उठी मांग, देखें प्रतिक्रिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 18, 2019 15:54 IST2019-12-18T15:54:19+5:302019-12-18T15:54:19+5:30
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था। इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए।

आरोपी अक्षय कुमार सिंह (निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामला)
निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने आज (18 दिसंबर) को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। अक्षय कुमार सिंह ने 2017 के शीर्ष अदालत के सुनाए गए सजा-ए-मौत के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ट्विटर पर #NirbhayaCase और #akshaykumarsingh ट्रेंड करने लगा। इन ट्रेंड के साथ अब चारों आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की जा रही है।
हैशटैग #NirbhayaCase के साथ लोग निर्भया की मां के बयान को भी बहुत शेयर कर रहे हैं। निर्भया की मां ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि निर्भया की मां ने कहा, “मैं इससे बहुत खुश हूं। आरोपियों के लिए फांसी का फरमान जारी करने के संबंध में पटियाला हाउस अदालत में एक सुनवाई होनी है और हमें उम्मीद है कि वह फैसला हमारे पक्ष में जाएगा।” निर्भया के पिता ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत से ‘डेथ वारंट’ जारी होने तक वह संतुष्ट नहीं होंगे । उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी बहुत दुखदायी यात्रा रही है। उच्चतम न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी लेकिन पटियाला हाउस अदालत द्वारा डेथ वारंट जारी किए जाने तक हम खुश नहीं होंगे। समूचा देश आरोपियों के लिए फांसी चाहता है । ’’
SC upholds death sentence of four accused in #Nirbhayacase. pic.twitter.com/ZKLNIEIKHx
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 18, 2019
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
Akshay kumar Singh - time has come to pay for what you have done.
— MarcoChacha (@MarcoChacha8) December 18, 2019
Your life might be worthless but you ruined a very precious family!
May #Nirbhaya get justice now. #NirbhayaCasepic.twitter.com/0Xn8W7fj6P
At last, the punishment confirmed. But, it took 7 years !!! #NirbhayaCasepic.twitter.com/Ci9Exm6Oeq
— Dr Sundara (@DrSundara3) December 18, 2019
Hang the rapist asap , it's been 7 long years!!
— Adrenaline( Pro- NRC wali) (@atropized_m2) December 18, 2019
Don't check patience of a mother who is waiting for a long time.#NirbhayaCase
Hang all the rapist till death either he is minor or not...hang all of them...rapist is just a rapist...no mercy for them #NirbhayaCase
— Shambhavi Sahay (@Shambhavi_S01) December 18, 2019
rapist murderer #akshaykumarsingh appeal rejected. All clear to hang the beasts who killed Nirbhaya.
— Kasturi Shankar (@KasthuriShankar) December 18, 2019
Change the law. NO MERCY. NO TOLERANCE. Those convicted of brutal crimes against women and children should NOT be granted right to appeal, or age exemption. pic.twitter.com/et7l8K8hoa
वहीं कुछ यूजर आरोपियों के वकील की भी आलोचना कर रहे हैं।
Is this how lawyers serve justice! 8 years since the incident and today what we can see is,the convicts getting to review their death sentence #NirbhayaCasepic.twitter.com/U63gbb9oJ8
— anuragchintawar (@anuragchintawar) December 18, 2019
Did you know who is this Lawyer.?
— Nisha Jha (@IndiaNisha18) December 18, 2019
He's AP Singh.
Listen to AP Singh, Rape Accused Akshay Kumar Singh's Lawyer.
What if Nirbhaya was AP Singh's daughter.?
Will he defend Akshay Kumar Singh.? #NirbhayaCasepic.twitter.com/PTIwNO6nEq
😡😡😡mardo salo ko
— Ankit_Rahate_official (@ankit_rahate) December 18, 2019
Lawyer are for protecting Innocent not for monster #shameonlawyers#NirbhayaCasepic.twitter.com/WaY1COQ7EO
We Can Never Forget This Day#NirbhayaCase#Nirbhaya#justicefornirbhayapic.twitter.com/uCnnystOHE
— WorldWide Balayya Fans (@FansBalayya) December 16, 2019
डेट वारंट याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट की ओर से अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने के बाद अब दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया की मां की अर्जी पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि जब तक दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास से खारिज नहीं हो जाती है, तब तक डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने सुनवाई को 7 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है।
जानें निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के बारे में
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया । इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।