टमाटर के बाद अब हरी मिर्च और अदरक हुई महंगी! अन्य सब्जियों के दाम में भी हुआ इजाफा
By आजाद खान | Published: July 4, 2023 08:53 PM2023-07-04T20:53:05+5:302023-07-04T20:58:39+5:30
बढ़ती सब्जियों के दाम पर बोलते हुए ओखला मंडी समिति के सदस्य जावेद अली ने कहा है कि "सब्जी मंडियों में व्यापारियों को प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।"
Viral News: टमाटर के अब कुछ और सब्जियों की भी दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है। केवल सब्जियां ही नहीं बल्कि हरी मिर्च और अदरक के दाम में भी इजाफा देखा गया है। जानकारी के अनुसार, बाजार में हरी मिर्च और अदरक करीब 400 रुपए प्रति किलो बिक रही थी। ऐसे में चेन्नई से मिर्च की सप्लाई के बाद इसके दाम में थोड़ी गिरावट देखी गई है।
उधर सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी को लेकर जब व्यापारियों से बात किया गया तो उनका कहना है कि इस तरह से कीमतों में इजाफा के पीछे कई कारण है। उनका कहना है कि बारिश और सही से सप्लाई नहीं होने के कारण सब्जी और हरी मिर्च की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है।
इन चीजों की बढ़ी है कीमत
बता दें कि केवल हरी मिर्च और अदरक ही नहीं बल्कि अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं। बाजार में बिकने वाले अन्य सब्जियों की कीमत 30 से 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। मिर्च और अदरक के अलावा हरी मटर भी महंगी हो गई है और यह खुदरा बाजार में 280 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही है। हालांकि आमतौर पर मटर की मांग हमेशा कम रहती है लेकिन इसके बावजूद इसकी कीमत बढ़ी है।
पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अन्य हिस्सों में भी सब्जियों की कीमत में उछाल देखा गया है। पश्चिम बंगाल सरकार के अपने खुदरा नेटवर्क सुफल बांग्ला में भी टमाटर और हरी मिर्च बाजार के रेट पर बिक रही है जिसे कम दामों में सब्जियों की सप्लाई करने के लिए जाना जाता है।
व्यापारियों का कहना है
सब्जियों के दाम पर बोलते हुए ओखला मंडी समिति के सदस्य जावेद अली ने कहा है कि "सब्जी मंडियों में व्यापारियों को प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर सब्जियों का पूरा स्टॉक खराब हो गया है। उत्तर में पहाड़ी इलाकों से समय पर गाड़ियों से सब्जियां नहीं आने पर इस समस्या को और बढ़ा दिया है। ऐसे में होटलों और अन्य प्रतिष्ठानों की मांग में काफी कमी देखने को मिली है।"
पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल डे के अनुसार, अत्यधिक गर्मी और अपर्याप्त वर्षा के कारण सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 10-14 दिनों के भीतर नई फसलें बाजारों में पहुंच जाएंगी, जिससे स्थिति कुछ हद तक कम हो सकती है। सरकार और व्यापारियों को उम्मीद है कि मानसून की बारिश जारी रहने और नई फसलें बाजारों में पहुंचने से स्थिति में सुधार होगा।