Tirupati Balaji: तिरुपति बालाजी मंदिर में एक भक्त की रिकॉर्डतोड़ भक्ति, 9.2 करोड़ रुपये का किया चढ़ावा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 18, 2022 14:52 IST2022-02-18T14:52:01+5:302022-02-18T14:52:01+5:30
खबर के अनुसार, 76 वर्षीय रेवती ने भगवान वेंकटेश्वर के नाम पर 3.2 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को सौंपा और 6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी मंदिर के नाम कर दी।

Tirupati Balaji: तिरुपति बालाजी मंदिर में एक भक्त की रिकॉर्डतोड़ भक्ति, 9.2 करोड़ रुपये का किया चढ़ावा
अक्सर लोग कहते हैं भक्ति में शक्ति होती है... लेकिन भक्ति लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार करते हैं। कोई एक रुपये का चढ़ावा कर भगवान से मुराद पूरी होने की कामना करता है तो कोई करोड़ों रुपये चढ़ाकर ईश्वर को प्रसन्न करने कोशिश करता है। गुरुवार को ऐसा ही हुआ तिरुपति बालाजी मंदिर में। यहां एक महिला भक्त ने चढ़ावे में हजारों लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये का चढ़ावा किया।
मंदिर को 9.2 करोड़ रुपये का चढ़ावा
खबर के अनुसार, चेन्नई की रहने वाली 76 वर्षीय पार्वतम की बहन ने भगवान वेंकटेश्वर के नाम पर 3.2 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को सौंपा और 6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी मंदिर के नाम कर दी। महिला भक्त के द्वारा कुल चढ़ावे की रकम को जोड़ा जाए तो उनकी ओर से मंदिर को 9.2 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया गया, जो हाल के समय का एकसाथ सबसे बड़ा चढ़ावा बताया जा रहा है।
एक दिन पहले मिला मंदिर को 84 करोड़ का दान
जबकि इससे एक दिन पहले बुधवार को ही तिरुपति मंदिर बोर्ड को एक ही दिन में लगभग 84 करोड़ रुपये का दान मिलने का रिकॉर्ड बना था। देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी के अनुसार, दानकर्ता पार्वतम की बहन रेवती विश्वनाथन ने अनुरोध किया है कि 3.2 करोड़ रुपये की इस रकम का इस्तेमाल बच्चों के लिए बन रहे सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के निर्माण में किया जाए। तिरुपति बोर्ड इस अस्पताल का निर्माण करवा रहा है।
मरने के बाद अपनी संपत्ति को मंदिर में दान करने की जताई इच्छा
अंग्रेजी के प्रतिष्ठित अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, रेवती ने अपनी अचल संपत्ति के रूप में दो मकानों के बैनामे भी मंदिर ट्र्स्ट को सौंप दिया है, जो उनकी बहन के नाम हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इच्छा जताई थी कि उनकी मौत के बाद उनकी संपत्ति तिरुपति मंदिर में दान कर दी जाए। उनकी वसीयत भगवान के हवाले कर दी गई है।