75th Independence Day: देश के 130 पुरातात्विक स्थलों पर भी फहराया जाएगा तिरंगा, 167 साल पुराने भाप इंजन की ‘हेरिटेज रन’ आयोजित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 14, 2022 13:28 IST2022-08-14T13:27:22+5:302022-08-14T13:28:39+5:30
75th Independence Day: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो के राजनगर में आयोजित ‘तिरंगा यात्रा’ में शामिल हुए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि खजुराहो देश की शान है और खजुराहो जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के समुचित विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

पर्यटन स्थल के समुचित विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
75th Independence Day: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अंतर्गत 15 अगस्त को देश के 130 पुरातात्विक स्थलों पर भी तिरंगा फहराया जाएगा।
विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो के राजनगर में आयोजित ‘तिरंगा यात्रा’ में शामिल हुए रेड्डी ने कहा कि खजुराहो देश की शान है और खजुराहो जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के समुचित विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से खजुराहो में भव्य तिरंगा लहरा रहा है, वैसा ही देश के 130 पुरातात्विक स्थलों पर भी तिरंगा फहराया जाएगा।’’
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, ‘‘तिरंगा हमारी शान है। इसे हर घर में फहराने का जो निर्णय हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है, वह एक अभूतपूर्व कदम है।’’
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को देश के 20 करोड़ घरों में एक साथ तिरंगा फहराता दिखाई देगा, जो एक ऐतिहासिक क्षण होगा। इस अवसर पर शर्मा एवं रेड्डी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के नए ‘फैसिलिटेशन सेंटर’ एवं नवीन प्रवेश द्वार का उद्घाटन भी किया।
रेलवे दुनिया के सबसे पुराने भाप इंजन की ‘हेरिटेज रन’ आयोजित करेगा
रेलवे स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को 167 साल पुराने भाप इंजन की ‘हेरिटेज रन’ आयोजित करेगा। यह दुनिया का ऐसा सबसे पुराना भाप इंजन है, जो अब भी कार्यशील है। रेलवे ने कहा कि ईआईआर-21 की एक विशेष सेवा चेन्नई एग्मोर और कोडंबक्कम रेलवे स्टेशनों के बीच 15 अगस्त को चलाई जाएगी।
एक्सप्रेस ईआईआर-21 इंजन को मूल रूप से 1855 में इंग्लैंड से भारत भेजा गया था। 1909 में सेवा से हटने के बाद, इसे बिहार में जमालपुर कार्यशाला में 101 से अधिक वर्षों तक एक प्रदर्शनी के रूप में रखा गया। पेरम्बूर लोको वर्क्स ने 2010 में इंजन को पुन: चालू हालत में कर दिया।