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LIC में कुछ हिस्सेदारी बेच कर क्या हासिल करना चाहती है मोदी सरकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 1, 2020 10:54 PM2020-02-01T22:54:55+5:302020-02-01T22:54:55+5:30

सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने की घोषणा की है ..वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के अपने  बजट भाषण में इसका एलान किया..वित्त मंत्री ने कहा कि एलआईसी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया जाएगा.. वित्त मंत्री का कहना है कि सूचीबद्ध कराने से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़ता है. फिलहाल एलआईसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है.

सरकार के इस प्रस्ताव का एलआईसी कर्मचारी संघों ने विरोध किया..आईपीओ के जरिए lic में केंद्र सरकार के कुछ शेयर बेचने की योजना का विरोध कर रहे कर्मचारी संघों की दलील है कि यह पहल देश हित के खिलाफ है.

 विनिवेश के जरिए इस साल सरकार ने 18,094.59 करोड़ रुपए जुटाए हैं..इस वित्त वर्ष में सरकार दो आपीओ लाई है ..इसमें पहला रेल विकास निगम का 475.89 करोड़ रुपए और दूसरा आईआरसीटीसी का 637.97 करोड़ रुपए का है.. इसके अलावा, राइट्स के ओएफएस के 730 करोड़ रुपये, सीपीएसई ईटीएफ से 10,000 करोड़ रुपये और भारत 22 ईटीएफ से 4,368.80 करोड़ रुपये जुटाए गए.वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है, जबकि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में यह लक्ष्य 1.05 लाख करोड़ रुपये का है.

एलआईसी की स्थापना 1956 में केंद्र सरकार ने की थी और देश में जीवन बीमा के क्षेत्र में इसकी सबसे ज्यादा बाजार भागीदारी है..देश की सबसे बडी बीमा कंपनी lic के पास लाइफ इंश्योरेंस मार्केट की करीब तीन-चौथाई हिस्सेदारी है. 

 

 

 

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