दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में चार सजायाफ्ता दोषियों से यह जानने का बुधवार को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी फांसी के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं। पीठ द्वारा पुनर्विचार याचिका खारिज करने का फैसला सुनाते ही मुजरिम अक्षय के वकील ए. पी सिंह ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा। दिल्ली सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कानून में दया याचिका दायर करने के लिये एक सप्ताह के समय का प्रावधान है। पीठ ने कहा, हम इस सबंध में कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं। यदि कानून के अनुसार याचिकाकर्ता को कोई समय उपलब्ध है तो यह याचिकाकर्ता पर निर्भर है कि वह इस समय सीमा के भीतर दया याचिका दायर करने के अवसर का इस्तेमाल करे।