Corona Patient का परिवार ने कर दिया था अंतिम संस्कार, श्राद्ध के दिन आ गया घर
By गुणातीत ओझा | Published: November 27, 2020 08:22 PM2020-11-27T20:22:02+5:302020-11-27T20:22:34+5:30
पूरा विश्व मौजूदा समय में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से जूझ रहा है। कोरोना को लेकर रोज तमाम ऐसी खबरें आती हैं जो कभी खुशी देती तो कभी गम। कभी तो ऐसी खबरें सुनने को मिल जाती हैं जो दंग कर देती हैं। कोरोना से जुड़ा एक ऐसा वाकया पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सामने आया है जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। यहां अस्पताल की लापरवाही के चलते एक परिवार को गलत व्यक्ति का शव सौंप दिया गया। जिसका शव सौंपा गया था उसे भी कोरोना वायरस संक्रमण था। परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
अंतिम संस्कार के कुछ दिन बाद जब परिवार उसका श्राद्ध कर रहा था, उस वक्त अस्पताल प्रशासन ने घर पर फोन किया। इसके बाद परिवार से कहा गया कि उनका कोरोना संक्रमित रिश्तेदार पूरी तरह से ठीक है और वह अस्पताल में ही है। आपने दूसरे व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया है।
शिबदास बनर्जी को कोरोना संक्रमित होने के बाद खरदा के बलरामपुर बासु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 नवंबर को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद परिजन अस्पताल से शव ले गए और उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद अस्पताल की तरफ से बताया गया कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया, उनका नाम मोहिनी मोहन मुखर्जी था। वह 75 साल के थे। उनको भी 4 नवंबर को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 नवंबर को उन्हें बारासात के कोविड अस्पताल भेज दिया गया। अब दोनों के नाम के बाद मुखर्जी सरनेम था तो ऐसे में अस्पताल प्रशासन की ओर से चूक हो गई।
मौत के बाद कोरोना केस होने की वजह से शव को प्रोटेक्टिव लेयर में सुरक्षित रखा गया था। परिवारवालों ने कोरोना की वजह से शव को दूर से देखा था। इस कारण किसी को भी गलतफहमी की जानकारी नहीं हो पाई। अब मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यी कमेटी गठित की गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) तपस रॉय के मुताबिक जांच समिति की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है। विभाग के दिशा निर्देशन में जरूरी कार्रवाई की जाएगी।