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हेट स्पीच पर एस वाई कुरैशी के आर्टिकल पर भड़के Dy EC ने पूछे सवाल, आपने क्या किया था ?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 15, 2020 17:45 IST

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आज चुनाव आयोग वाले आमने सामने क्यों हैं . कहानी की जड़ें 8 फरवरी से जुड़ी है. 8 फरवरी को चुनाव आयोग के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने एक आरोप लगाया था कि आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हेट स्पीच यानी नफरत भरे भाषणों के मामले में उचित तरीके से सजा नहीं दी. आयोग ने कुरैशी के इन आरोपों  से इंकार किया है. इन्कार भी सूखे-सूखे नहीं पूरी चिठ्ठी पत्री के साथ. चुनाव आयोग ने कहा कि जब कुरैशी आयोग की अगुवाई कर रहे थे तो जनप्रतिनिधित्व कानून और आईपीसी के तहत नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने 8 फरवरी को एक अंग्रेजी अखबार में अपने लेख में लिखा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनाव के प्रचार के दौरान नफरत वाले भाषणों पर उचित कार्रवाई नहीं की. चुनाव निपटाने के बाद चुनाव आयोग के डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ. संदीप सक्सेना ने एस वाई कुरैशी को चिठ्ठी लिखी. और इतिहास, आईना सब भेज दिया.  चिठ्ठी में लिखा कि जब आप मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय का कामकाज देख रहे थे, उस दौरान आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के तहत जारी नोटिसों और कार्रवाई की सूची संलग्न है.  आप कृपा करके इसे पढ़ सकते हैं.  संलग्न सूची से देखा जा सकता है कि तत्कालीन आयोग ने इस अवधि में जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धाराओं 123 और 125 के तहत तथा आईपीसी की धारा 153 के तहत कोई कार्रवाई नहीं की.  डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ. संदीप सक्सेना ने चिठ्ठी में कहा गया है कि चुनाव आयोग 11 फरवरी 2020 से पहले कराए गए लोकसभा चुनाव और विधानसभा के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की कार्रवाई पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करने की योजना बना रहा है. डॉ. संदीप सक्सेना ने यह भी लिखा है, 'विडंबना है कि इस हद तक सेलेक्टिव एमनेशिया यानि चुनिंदा भूल' से पाठक गुमराह हो सकते हैं।' डॉ. संदीप सक्सेना ने यह भी लिखा, 'कार्रवाई आपने नहीं की है और जिम्मेदार क्यों ठहरा रहे हैं?।'एसवाई कुरैशी ने पत्र में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का नाम लेते हुए कहा था कि इन पर जनप्रतिनिधित्व कानून या आईपीसी के तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई गई? लेख में एसवाई कुरैशी ने अनुराग ठाकुर के देश के गद्दारों को गोली मारों वाले और सुसाइड बॉम्बर वाले बयान का जिक्र किया. कुरैशी ने लिखा कि केजरीवाल को आतंकवादी तक कहा गया. ऐसी भाषा तो अकेले में भी नहीं  बोली जानी चाहिए . कुरैशी ने अपने लेख में विस्तार से आदर्श आचार संहिता को समझाया भी था.हालाकि उन्होंने प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर को स्टार कैंपेनरों की लिस्ट से बाहर कराने वाले एक्शन की तारीफ भी की थी. 
टॅग्स :दिल्ली विधान सभा चुनाव 2020चुनाव आयोगअनुराग ठाकुरअरविन्द केजरीवालअमित शाहशाहीन बाग़ प्रोटेस्ट
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