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Babri Demolition: बच्चों को बताएं 400 साल तक Ayodhya में मस्जिद थी, AIMIM नेता Owaisi बोले..

By गुणातीत ओझा | Published: December 6, 2020 11:11 PM2020-12-06T23:11:45+5:302020-12-06T23:33:29+5:30

आज छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी है। आज ही के दिन साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी विध्वंस के दिन को याद करते हुए ट्‌वीट किया- याद रखें और आगे के जेनरेशन को बतायें।

Highlightsआज छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी है।आज ही के दिन साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी।

आज छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी है। आज ही के दिन साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी विध्वंस के दिन को याद करते हुए ट्‌वीट किया- याद रखें और आगे के जेनरेशन को बतायें। ओवैसी ने लिखा कि हमें यह याद रखना चाहिए कि अयोध्या में 400 साल से अधिक तक बाबरी मस्जिद थी। ओवैसी ने लिखा मस्जिद के हॉल में हमारे पूर्वज नमाज पढ़ते थे और इसके परिसर में उन्होंने एक साथ अपना रोजा तोड़ा था और जब उनकी मौत हुई तो उन्हें बगल के कब्रिस्तान में दफनाया गया था।

इस अन्याय को कभी ना भूलें। यहां अन्याय से ओवैसी का तात्पर्य बाबरी मस्जिद के विध्वंस से था। ओवैसी ने कहा 22-23 दिसंबर 1949 को हमारे मस्जिद को अपवित्र किया गया और 42 साल तक उसपर अवैध कब्जा रखा गया। आज की ही तारीख यानी छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस पूरी दुनिया के सामने किया गया। मस्जिद को ढहाने के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उन्हें एक दिन की भी सजा नहीं हुई। गौरतलब है कि राम जन्मभूमि को लेकर हिदुओं और मुसलमानों में काफी समय तक विवाद रहा था और अंतत: तमाम कानूनी लड़ाई के बाद वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मंदिर बनाने की अनुमति दे दी थी। साथ ही मुसलमानों को भी पांच एकड़ जमीन अयोध्या में देने की घोषणा की थी ताकि वहां मस्जिद बनाया जा सके।

इस मामले में बीते 30 सितंबर को आए सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर भी ओवैसी ने आपत्ति जाताई थी। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अदालत के फैसले की तारीख को काला दिन करार दिया था। ओवैसी ने एक शेर भी ट्वीट क्या था और फैसले पर निशाना साधा था.. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि वही 'क़ातिल वही मुंसिफ़ अदालत उस की वो शाहिद , बहुत से फ़ैसलों में अब तरफ़-दारी भी होती है।'

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा था कि अदालत ने साक्ष्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया और सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया। उन्होंने कहा था कि 'अब इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाया जाएगा।' मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने मामले में आए फ़ैसले को मज़ाक बताया था। उन्होंन ट्वीट कर कहा था कि यह न्याय का मज़ाक है। बाबरी मस्जिद के विध्वंस का आपराधिक अभियोग जिन लोगों पर था वे सब बरी हो गए। एक मस्जिद खुद गिर गई?

टॅग्स :बाबरी मस्जिद विवादअसदुद्दीन ओवैसीBabri MosqueAsaduddin Owaisi