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निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी, निर्भया की मां ने कही ये बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 17, 2020 05:27 PM2020-02-17T17:27:01+5:302020-02-17T17:27:01+5:30

निर्भया का दोषियों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. निर्भया मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आज चारों दोषियों को तीसरा डेथ वॉरंट जारी किया. 

निर्भाया की मां आशा देवी ने नये डेथ वारंट जारी होने पर कहा कि बहुत खुश नहीं हूं तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. हमने बहुत संघर्ष किया है. फिलहाल संतुष्ट हूं कि आखिरकार डेथ वारंट जारी हो गया है.मुझे उम्मीद हैं कि3 मार्च को दोषियों को फांसी हो जायेगी.


आज हुई सुनवाई के दौरान चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि वह नहीं चाहता है कि अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसकी पैरवी करें.  तब अदालत ने वकील रवि काजी को उसका पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया. कोर्ट को ये भी बताया गया कि इस मामले का अन्य मुजरिम विनय शर्मा तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है. विनय के वकील ने अदालत से कहा कि जेल में उस पर हमला किया गया और उसके सिर में चोट आयी है.  विनय के वकील ने यह भी कहा कि वह गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त है इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती.  तब अदालत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को कानून के मुताबिक विनय का उपयुक्त ख्याल रखने का निर्देश दिया. अन्य दोषी पवन गुप्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनका मुवक्किल सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल करना चाहता है

 पवन गुप्ता चारों मुजरिमों में एकमात्र ऐसा मुजरिम है जिसने अब तक क्यूरेटिव पिटीशन सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है. क्यूरेटिव पिटीशन किसी भी व्यक्ति के लिए आखिरी कानूनी विकल्प होता है जिस पर चैम्बर में निर्णय लिया जाता है. पवन गुप्ता के पास दया अर्जी देने का भी विकल्प है. अक्षय कुमार के वकील ने अदालत से कहा कि उन्होंने नयी दया अर्जी तैयार की है जिसे राष्ट्रपति को दिया जाएगा.

 अदालत निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार की अर्जियों पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया जिनमें इस निर्भया के चारों मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाने के नये डेथ वारंट जारी  करने की मांग की गयी थी. 

7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने  22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में सभी चार दोषियों को फांसी देने के लिए डेथ वॉरंट जारी किया था. हालांकि, एक दोषी की दया याचिका  लंबित होने के कारण उन्हें फांसी नहीं हो सकी. इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने 17 जनवरी को दोषियों की फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी कर 1 फरवरी को फांसी तय किया था. लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी.

 

 

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