Uttarakhand Avalanche: बर्फ में फंसे 14 मजदूरों को निकाला गया, आठ अब भी फंसे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 1, 2025 11:45 IST2025-03-01T11:42:24+5:302025-03-01T11:45:40+5:30
Uttarakhand Avalanche:उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।

Uttarakhand Avalanche: बर्फ में फंसे 14 मजदूरों को निकाला गया, आठ अब भी फंसे
Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड में चमोली जिले के माणा गांव स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर में हिमस्खलन के कारण कई फुट बर्फ के नीचे फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए शनिवार को फिर से बचाव कार्य शुरू किया गया तथा 14 और श्रमिकों को निकाल लिया गया लेकिन आठ लोग अब भी फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही, शुक्रवार सुबह माणा और बदरीनाथ के बीच बीआरओ के शिविर में हुए हिमस्खलन में फंसे कुल 55 मजदूरों में से 47 को बचा लिया गया है। शुक्रवार रात तक 33 श्रमिकों को निकाल लिया गया था। शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के कारण बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई और रात में अभियान को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। शनिवार को मौसम साफ होने पर बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि माणा में तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, बचाव दल ने 14 और श्रमिकों को बर्फ से बाहर निकाला जबकि बाकी आठ की तलाश जारी है, जो 24 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को बचाए गए श्रमिकों में से तीन की हालत गंभीर होने पर उन्हें बेहतर उपचार के लिए हवाई मार्ग से माणा स्थित आईटीबीपी अस्पताल से ज्योतिर्मठ सैन्य अस्पताल ले जाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि साफ मौसम के कारण बचाव अभियान में तेजी आएगी।’’ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भी हिमस्खलन वाली जगह का दौरा करने की संभावना है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी सूची के अनुसार, फंसे हुए श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों से हैं। सूची में ऐसे 10 मजदूरों के नाम भी हैं, जिनके राज्यों का नाम नहीं बताया गया है।
Uttarakhand | 14 civilians have been rescued and evacuted from avalanche site by Indian Army this morning. Search and rescue operations continuing for more than 24 hours. With slight respite in the weather, three injured personnel evacuated from Mana to Joshimath for critical… pic.twitter.com/46gJQYxq8B
— ANI (@ANI) March 1, 2025
प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण है क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास सात फुट तक बर्फ जमी हुई है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं। बदरीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है।