Uttar Pradesh Education Service Selection Commission: उच्च, माध्यमिक, बेसिक, व्यावसायिक, अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और श्रम विभाग के शिक्षकों की भर्ती करेगा आयोग, जानें फायदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2023 16:09 IST2023-08-02T16:07:51+5:302023-08-02T16:09:00+5:30
Uttar Pradesh Education Service Selection Commission: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग एक एकीकृत आयोग के रूप में कार्य करेगा।

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Uttar Pradesh Education Service Selection Commission: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन संबंधी प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। यह आयोग राज्य में उच्च, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग तथा श्रम विभाग के शिक्षकों की भर्ती करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक, 2023 के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया है। प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन से उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, व्यावसायिक शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग तथा श्रम विभाग में शिक्षकों के चयन की कार्रवाई नियमित, त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध रूप से सुनिश्चित हो सकेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया, “उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग एक एकीकृत आयोग के रूप में कार्य करेगा। आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में होगा। इसमें एक अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे।” योगी ने अप्रैल में इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे।
मंत्री ने कहा, “इस एकीकृत आयोग से समयबद्धता, प्रामाणिकता और पारदर्शिता आएगी। यह पारदर्शी और समान चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने में उपयोगी साबित होगा।” वर्तमान में प्रदेश में संचालित बेसिक, माध्यमिक, उच्च एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग हैं।
उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जहां उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग है, वहीं माध्यमिक शिक्षकों के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड है। इसके अलावा, अन्य शिक्षकों का चयन अब तक अलग-अलग माध्यमों से किया जाता है। मंगलवार शाम जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग एक निगमित निकाय होगा।
इस आयोग के प्रभावी हो जाने पर उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड विघटित हो जाएंगे। विधेयक के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम-1980, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 एवं उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक-2019 (अप्रवृत्त) निरस्त हो जाएंगे।
बयान के अनुसार, आयोग में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष और सदस्य, पद ग्रहण करने के दिनांक से तीन वर्ष की अवधि तक के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु होने तक, जो भी पहले हो, पद धारण करेंगे। कोई व्यक्ति दो निरंतर पदावधियों से अधिक के लिए अध्यक्ष या किसी सदस्य का पद धारण नहीं करेगा। प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का व्यय-भार, सरकार द्वारा दिये जाने वाले अनुदान से और आयोग की अपनी प्राप्तियों से वहन किया जाएगा।