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UP Politics News: सीतापुर जेल पहुंचे उप्र कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, सपा नेता आजम खां नहीं मिले, अखिलेश यादव ने कहा, 'जब खां साहब को फंसाया जा रहा था तब कांग्रेस के नेता कहां थे...

By राजेंद्र कुमार | Updated: October 26, 2023 17:23 IST

UP Politics News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राय के आजम खां से मुलाकात के लिए सीतापुर जेल जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ''जब आजम खां साहब को फंसाया जा रहा था तब कांग्रेस के नेता कहां थे। कांग्रेस के नेता भी उन्हें फंसाने में लगे थे।''

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ठळक मुद्देजेल नियमावली के अनुसार एक कैदी 15 दिनों में दो बार आगंतुकों से मिल सकता है।इस पर निर्भर करता है कि कैदी उस व्यक्ति से मिलना चाहता है या नहीं। अजय राय आजम खां के प्रति सहानुभूति जाहिर करने के लिए उनसे मिलने सीतापुर जेल गये थे।

UP Politics News: समाजवादी पार्टी (सपा) के सीनियर नेता आजम खान गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से नहीं मिले. अजय राय सीतापुर जेल में बंद आजम खान से मिलने पहुंचे थे, लेकिन आजम खान ने उनसे मिलने को तैयार नहीं हुए. आजम खान ने यह कहते हुए अजय राय से मिलने को मना कर दिया कि वो किसी भी पार्टी के पॉलिटिकल लीडर से नहीं मिलना चाहते.

आजम खान के इस संदेश को सीतापुर के जेल अधिकारियों ने अजय राय को बता दिया. आजम खान का कहना है कि परिवार के लोगों के अलावा वो किसी से नहीं मिलेंगे. आजम खान के इस कथन के बाद अब अजय राय का उनसे मिलकर मुस्लिम समाज की हमदर्दी हासिल करने का प्लान फेल हो गया है. 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राय के आजम खां से मुलाकात के लिए सीतापुर जेल जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ''जब आजम खां साहब को फंसाया जा रहा था तब कांग्रेस के नेता कहां थे। कांग्रेस के नेता भी उन्हें फंसाने में लगे थे।'' जेल अधीक्षक सुरेश सिंह ने कहा कि जेल नियमावली के अनुसार एक कैदी 15 दिनों में दो बार आगंतुकों से मिल सकता है।

वास्तव में अजय राय सपा के सीनियर नेता आजम खान से मिल कर यह संदेश देना चाहते थे कि कांग्रेस ही मुस्लिम समाज के हितों की फिक्र करने वाली असली पार्टी है. इसलिए बिना आजम खान के परिवार के लोगों से बातचीत किए ही अजय राय ने बुधवार को सीतापुर जेल जाकर आजम खान से मिलने का अपना कार्यक्रम सीतापुर के जिला प्रशासन और मीडिया को भेज दिया.

ऐसे करते हुए अजय राय ने यह जाहिर किया कि सपा मुखिया अखिलेश यादव जेल में बंद पार्टी के सीनियर नेता से मिलने का समय नहीं निकाल पाये, लेकिन वह उन आजम खान से मिलने जा रहे हैं, जिन्होने कभी भी कांग्रेस को पसंद नहीं किया. इसी मंशा के तहत गुरुवार को अजय राय लखनऊ से सीतापुर जेल पहुंचे.

परन्तु सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने अजय राय से मिलने में कोई रुचि नहीं दिखाई और जेल अधिकारियों से यह कहलवा दिया कि वह अपने परिवार के लोगों के अलावा किसी राजनीतिक व्यक्ति से मिलना नहीं चाहते. इसके बाद सीतापुर जेल के बाहर से ही अजय राय का काफिला वापस लखनऊ आ गया.

जेल प्रशासन पर बरसे अजय राय : 

लखनऊ आने के पहले अजय राय ने सीतापुर जेल के बाहर मौजूद मीडिया से कहा कि आजम खान परिवार संकट का सामना कर रहा है. इस मुश्किल वक्त में हम सबका फर्ज बनता है कि हम आजम खान के साथ खड़े रहें. जब हम भाजपा विधायक थे और वो मंत्री थे तब उन्होंने कभी किसी काम के लिए मना नहीं किया.

आज वो दुख की घड़ी में हैं तो हमारा उनसे मिलने का कर्तव्य बनता है. जिसके चलते ही वह उनसे मिलने के लिया यहां आए लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें आजम खान से मिलने नहीं दिया. अजय राय ने यह आरोप भी लगया कि जेल प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है और उन्हें आजम खान से मिलने नहीं दिया जा रहा है.

अजय राय यह भी कहा कि ना तो आजम खां से फोन पर उनकी वार्ता कराई गई और ना ही उनसे कुछ ऐसा लिखित दिया गया कि आजम खां मिलना नहीं चाहते हैं. अजय राय के अनुसार भाजपा आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को प्रताड़ित कर रही है, यह ज्यादती ठीक नहीं है. 

जेल प्रशासन का कहना है: 

अजय राय के आरोपों को जेल अधिकारियों ने गलत बताया है. जेल अधिकारियों के अनुसार,जेल में बंद व्यक्ति से नियमानुसार सप्ताह में सिर्फ एक मुलाकात कराने का नियम है. बुधवार को आजम के बेटे अदीब ने आजम खान से मुलाकात करने आए थे.

ऐसे में अब आजम खान से कोई भी व्यक्ति अब अगले सप्ताह ही मिल सकता है. और आजम खान से मिलने आया व्यक्ति उनकी मर्जी से उनसे मिल सकता है. अजय राय से वह मिलना नहीं चाहते थे, जिसके जानकारी अजय राय को दे दी गई है.

इसलिए जेल में हैं आजम खान: 

आजम खान अपने छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में जेल में बंद हैं. अब्दुल्ला आजम ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्र ज्यादा दिखाई थी. वो उस वक्त 25 साल के नहीं थे, लेकिन दूसरे प्रमाण पत्र में उनकी उम्र बदलवा दी गई.

आरोप था कि आजम खान ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और अपने बेटे को चुनाव में उतारा. इस मामले में कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे व पत्नी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है. तीनों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है. जिसके चलते वह सीतापुर जेल में बंद है. 

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