नेताओं का सम्मान नहीं करते यूपी के पुलिसकर्मी! गृह विभाग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं

By राजेंद्र कुमार | Updated: November 16, 2023 17:56 IST2023-11-16T17:55:39+5:302023-11-16T17:56:51+5:30

गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शासन स्तर से और डीजीपी मुख्यालय से समय समय पर पुलिस अफसरों तथा पुलिसकर्मियों को नेताओं का सम्मान करने तथा उनके द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्रों पर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते रहे है।

UP policemen do not respect leaders! Home Department has issued strict instructions | नेताओं का सम्मान नहीं करते यूपी के पुलिसकर्मी! गृह विभाग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsसूबे के गृह विभाग में रोज ही ऐसी शिकायतें मिल रही हैं शासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया हैगृह विभाग ने पुलिसकर्मियों को माननीयों का सम्मान करने के बाबत फिर से कड़े निर्देश जारी किए हैं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मी थाने में शिकायत लेकर आए पीड़ित और आम लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। आए दिन पुलिसकर्मियों द्वारा आम लोगों के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले सामने आते ही रहते हैं। अब तो सूबे के पुलिस अधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों द्वारा माननीयों (नेताओं) से भी अच्छा व्यवहार ना करने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। सूबे के गृह विभाग में रोज ही ऐसी शिकायतें मिल रही हैं, जिन्हे अब शासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। इसके चलते गृह विभाग ने पुलिसकर्मियों को माननीयों का सम्मान करने के बाबत फिर से कड़े निर्देश जारी किए हैं।

गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शासन स्तर से और डीजीपी मुख्यालय से समय समय पर पुलिस अफसरों तथा पुलिसकर्मियों को नेताओं का सम्मान करने तथा उनके द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्रों पर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते रहे है। इसी क्रम में सूबे के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बीते दिनों सूबे के सभी पुलिस आयुक्तों, एसएसपी व एसपी को सांसदों व विधानमंडल के सदस्यों के प्रोटोकॉल का अनुपालन कराए जाने को लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं। इस निर्देश में कहा है कि प्रदेश शासन तथा सूबे की संसदीय अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले लगातार आ रहे हैं। यह पाया गया है कि सूबे के एसपी और थानाध्यक्ष माननीय सदस्यों के फोन नहीं उठाते हैं और उनसे मिलने के लिए समय तक नहीं देते। पुलिसकर्मियों के इस व्यवहार को प्रमुख सचिव गृह ने अनुचित माना है।

पुलिस अफसरों के लिए निर्देश 

पुलिसकर्मियों को माननीय सदस्यों का सम्मान करने संबंधी जो प्रोटोकॉल जारी किया है, उसमें कहा गया है कि सभी अधिकारी सांसदों व विधानमंडल के सदस्यों के सीयूजी नंबर अथवा उनके द्वारा नोट कराया गया अन्य मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल में फीड करेंगे तथा काल आने पर उसे रिसीव करेंगे। बैठक में होने अथवा उपलब्ध न होने की स्थिति में काल की जानकारी होने पर प्राथमिकता पर जनप्रतिनिधि को संदेश भेजने के साथ ही काल कर बात करेंगे।

जनप्रतिनिधियों द्वारा फोन पर बताए गए प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण कराकर उन्हें जानकारी भी देंगे। इसके साथ ही जिले के अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के मोबाइल पर उनके क्षेत्र के माननीय का फोन नंबर फीड कराएंगे। निर्देश में यह भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधि के जनहित से जुड़े कार्यों के संबंध में यदि अधिकारी व कर्मचारी से भेंट करने पर उन्हें सीट से खड़े होकर यथोचित सम्मान किया जाए। जनप्रतिनिधियों से वार्ता में यदि उनके अनुरोध अथवा सुझाव को स्वीकार करने में असमर्थ हों तो अधिकारी उसके कारणों से जनप्रतिनिधियों को विनम्रतापूर्वक अवगत कराएंगे। किसी अनुचित आचरण अथवा जानबूझकर की गई गलती को दुराचरण माना जाएगा और कार्रवाई होगी। जिलों में प्रोटोकॉल से जुड़े मामलों के लिए हर दो माह में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक किए जाने का निर्देश भी प्रमुख सचिव गृह ने सूबे के सभी पुलिस अफसरों को दिया है।
 

Web Title: UP policemen do not respect leaders! Home Department has issued strict instructions

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