लखनऊ: पहाड़ों में हो रही भयंकर बारिश और उसके बाद उफनाई नदियों से बने बाढ़ के हालात के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने राज्य में बाढ़, जलभराव एवं राहत कार्यों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की।
सीएम योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तेज बारिश के बाद जनहित के दृष्टिगत किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है, इसलिए सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड में रहें।
अधिकारियों को दिए निर्देश में सीएम योगी ने कहा, "समस्त अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी, सहायक अभियन्ता स्तर के नामित लोग 24×7 अलर्ट मोड में रहें। तटबंधों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत् निगरानी की जाए। बारिश के शुरुआती दिनों में रैटहोल/रेनकट की स्थिति पर नजर रखें। तटबंधों की पेट्रोलिंग लगातार की जाए। नौकाएं, राहत सामग्री, पेट्रोमैक्स आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।"
सीएम ने निर्देश दिए कि जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी एवं पुलिस की संयुक्त टीम जलभराव से बचाव के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार व्यवस्था करें। आकाशीय बिजली से कई स्थानों पर जन-धन की हानि की सूचना पर सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व एवं राहत, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से संवाद-संपर्क बनाएं और ऐसी प्रणाली का विकास करें, जिससे आम जन को समय से मौसम की सटीक जानकारी मिल सके।
बता दें कि बीते 16 दिनों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 37 से यूपी में अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि की घटनाओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने दिवंगतों के स्वजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने का निर्देश दिया है।