लखनऊ: स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में एसआईटी ने करीब 13,000 मदरसों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की सिफारिश की है। एसआईटी ने माना है कि इन्हें ऑपरेट गैर-कानूनी रुप से किया जा रहा है और ये सभी मदरसे उस सूत्र का नाम बताने में नाकमयाब रहें, जहां से इनकी फंडिंग अब तक हो रही है।
सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि सभी मदरसे नेपाल बॉर्डर से लगे हुए हैं। ये सभी मदरसे महारजगंज, श्रावस्ती और बहराइच जिले के अंतर्गत आते हैं। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी बताया कि इनकी फंडिंग पार्दर्शी नहीं और फाइनेंस रिकॉर्ड दिखाने में ये सभी असफल रहे हैं।
महारजगंज, श्रावस्ती और बहराइच जिले में करीब 500 ऐसे मदरसे की जांच की गई हैं, जहां ये वाक्या सामने आया है। इसके अलावा एसआईटी अन्य जिलों में भी छापेमारी कर इन मदरसों की जांच कर रही हैं।
एसआईटी रिपोर्ट की मानें तो मदरसा बोर्ड के खिलाफ जरुरी कार्रवाई बनती है, क्योंकि ये सभी गैर-कानूनी रूप से चल रहे हैं। पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी टीम राज्य भर में चल रहे इन मदरसों की जांच करने के लिए गठित की थी।
उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों पर एसआईटी द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने की खबरों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है, "हमारी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करेगी। हम किसी भी हालत में राज्य में अवैध गतिविधियां नहीं होने देंगे। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी।''
उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों पर एसआईटी की रिपोर्ट सौंपने की खबरों पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है, ''देश की किसी भी शिक्षा व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं है। लेकिन अगर शिक्षा के बहाने देश विरोधी गतिविधियां की जाएंगी। जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। हमारा मानना है कि जिन्होंने गलत रास्ता चुना है, उन्हें सही रास्ते पर वापस आना चाहिए। सही रास्ते पर न तो उन्हें और न ही देश और राज्य को कोई दिक्कत होगी।"