Allahabad High Court: लाइसेंस देने से पहले आवेदक का पुलिस सत्यापन जरूरी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वकील से कहा, जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 28, 2023 03:40 PM2023-12-28T15:40:17+5:302023-12-28T15:41:24+5:30

Allahabad High Court: खंडपीठ ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य विधिज्ञ परिषद को तत्काल प्रभाव से आवश्यक निर्देश जारी कर लाइसेंस के सभी लंबित और नए आवेदनों के संबंध में संबंधित पुलिस थानों से उचित सत्यापन सुनिश्चित करने को कहा।

Allahabad High Court says Ensure police verification of the applicant before granting advocacy license | Allahabad High Court: लाइसेंस देने से पहले आवेदक का पुलिस सत्यापन जरूरी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वकील से कहा, जानें

सांकेतिक फोटो

Highlightsजांच पड़ताल प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा।विधिज्ञ परिषद को गुमराह करने से रोका जा सकता है ।सूचना छिपाने के लिए एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत की थी।

Allahabad High Court: आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिवक्ताओं के वकालत करने पर चिंता व्यक्त करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि ऐसे लोग समाज को, विशेषकर कानून बिरादरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पवन कुमार दूबे नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य विधिज्ञ परिषद को तत्काल प्रभाव से आवश्यक निर्देश जारी कर लाइसेंस के सभी लंबित और नए आवेदनों के संबंध में संबंधित पुलिस थानों से उचित सत्यापन सुनिश्चित करने को कहा।

अदालत ने कहा, “इस तरह की जांच पड़ताल प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में विधिज्ञ परिषद को गुमराह करने से रोका जा सकता है क्योंकि ऐसा व्यक्ति जानकारी छिपा सकता है।” मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता ने 14 आपराधिक मामलों के लंबित रहने के संबंध में महत्वपूर्ण सूचना छिपाने के लिए एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत की थी।

इन 14 मामलों में से चार मामलों में उस व्यक्ति को दोषी करार दिया जा चुका है। यह सूचना छिपाकर व्यक्ति ने वकालत करने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया। अदालत ने 21 दिसंबर को दिए अपने आदेश में कहा, “यह हैरत में डालने वाली बात है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ 14 आपराधिक मामले हैं जिनमें से चार में वह दोषी करार दिया जा चुका है, उसने वकालत का लाइसेंस प्राप्त किया।

ऐसे व्यक्ति समाज को और विशेष रूप से कानून बिरादरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अधिवक्ता अधिनियम ऐसे व्यक्तियों को वकालत के पेशे में आने से रोकता है।” अदालत ने कहा, “सही तथ्य जो भी हों, वर्तमान में यह शिकायत राज्य विधिज्ञ परिषद के पास 25 सितंबर, 2022 से लंबित प्रतीत होती है।

काफी समय गुजर चुका है और अब तक उचित कार्रवाई हो जानी चाहिए थी।” अदालत ने विधिज्ञ परिषद को याचिकाकर्ता द्वारा संज्ञान में लाए गए मामले में जितनी जल्द संभव हो सके, तथा कानून के मुताबिक, तीन महीने में अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया।

Web Title: Allahabad High Court says Ensure police verification of the applicant before granting advocacy license

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