प्रकृति से है प्यार तो भारत के 'स्कॉटलैंड' में मनाइए अपना स्पेशल हनीमून
By मेघना वर्मा | Published: March 14, 2018 06:11 PM2018-03-14T18:11:36+5:302018-03-14T18:11:36+5:30
यह जगह बारिश के लिए मशहूर है, यहां घुसते ही बहते झरनों की आवाज सुनाई देनी शुरू हो जाती है।
शादी से पहले हर कपल के मन में अपने हनीमून को लेकर कई ख्याल आते हैं। हनीमून कैसा होगा, क्या खास होगा, कहां जाएंगे, कितने दिन के लिए जाएंगे, ये सभी सवाल मन में आते हैं। ऐसे में वे हनीमून की प्लानिंग बड़ी सावधानी से करता है। आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप अपना बेस्ट हनीमून मना सकते हैं। हम बात कर रहे हैं भारत के 'स्कॉटलैंड' कहे जाने वाले शिलांग के बारे में जो कि उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है और भारत का एक मशहूर पर्यटक स्थल है। यूं तो देश के उत्तर-पूर्व के सभी 7 राज्य अपने-आप में बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन प्रकृति प्रेमियों के लिए मेघालय घूमना शानदार विकल्प हो सकता है। शिलांग और चेरापूंजी जाने के लिए आपको गुवाहाटी तक ट्रेन या फ्लाइट से जाना होगा, क्योंकि शिलांग और चेरापूंजी तक ना ट्रेन जाती है और ना ही फ्लाइट। गुवाहाटी से शिलांग के लिए लगातार साधन उपलब्ध रहते हैं इसलिए आसानी से वहां पहुंचा जा सकता है।
ये हैं घूमने के लिए परफेक्ट प्लेस
नारतियांग मोनोलिथ
नारतियांग बाजार के साथ एक कहानी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यू मार फलिंगकी रालियांग बाजार से नारतियांग बाजार तक एक विशाल पत्थर की पट्टी को ढो कर लाया था। आज आप नारतियांग बाजार में मोनोलिथ का विशाल समूह देख सकते हैं। यहां की खास बात है कि पत्थर के साथ यहां बहुत से हरे पेड़ भी हैं। यहां घूमना अपने आप में बिल्कुल अलग अनुभव होता है। जयंतिया हिल्स पर मौजूद नारतियांग मोनोलिथ तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप शिलांग से कैब बुक करके यहां पहुंचे और आराम से तीन चार घंटे घूमकर इस खास जगह का लुत्फ उठाएं।
चेरापूंजी
शिलांग से 60 किमी की दूरी पर स्थित है जो दुनियाभर में सर्वाधिक बारिश के लिए मशहूर है, यहां घुसते ही बहते झरनों की आवाज सुनाई देनी शुरू हो जाती है। कुछ समय पहले चेरापूंजी का नाम बदलकर सोहरा कर दिया गया था, बांग्लादेश की सीमा के पास होने के कारण यहां से बांग्लादेश को आसानी से देखा जा सकता है, यहां कुछ गुफाएं भी बनी हुई हैं आप चाहे तो वहां भी जा सकते हैं।
भारत का सबसे ऊंचा झरना नोहकलिकाई चेरापूंजी में ही है जिसकी ऊचांई 335 मीटर है, इस झरने का स्रोत चेरापूंजी में होने वाली बारिश है, झरने के नीचे एक तालाब बना हुआ है जिसमें गिरता हुआ पानी हरे रंग का दिखाई देता है।
शिलांग पीक
ये पीक शिलांग से 10 किमी की दूरी पर पड़ता है, इस पीक की ऊंचाई 1965 मी। है जिस पर पहुंच कर आप पूरा शहर देख सकते हैं, रात के समय खासकर तारों की रोशनी में नहाया ये पीक आप अपने पार्टनर के साथ देख सकते हैं। ये मनोरम के साथ रोमंटिक फील भी देता है।
वार्डस लेक
ये एक कृत्रिम लेक है जो इस शहर के बिल्कुल बीच में स्थित है और शहर की जान कहलाती है, यहां बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। लेक के साथ एक बोटेनिकल गार्डन भी है आप चाहे तो वहां भी जा सकते हैं इस गार्डन में रंग बिंरगी चिड़ियां देखने को मिलती हैं
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एलिफेंटा फॉल
ये झरना ऊपरी शिलांग में स्थित है, यहां कई झरनें एक साथ गिरते हैं जो देखने में काफी रोमांचक लगते हैं। यहां की खास बात ये है कि आप पाने पार्टनर के बाहों में बाहें डालें इस झरने के सामने घंटों बैठ कर इसे देख सकते हैं।
स्वीट फॉल
अगर आपको दिनभर आउटिंग करनी है और किसी अच्छी जगह पिकनिक मनानी है तो आप स्वीट फॉल जा सकते हैं, यहां झरनों से तकरीबन 200 फीट नीचे पानी गिरता है।
शिलांग के कुछ अन्य दर्शनीय स्थल हैं- लेडी हैदरी पार्क, उमियान झील और गिरिजाघर का मैदान।
(फोटो- विकोमिडिया कॉमन्स, फ्लिकर)