इस खास बाजार में पुरुषों का आना है सख्त मना! खरीददार और दुकानदार दोनों हैं महिलाएं
By मेघना वर्मा | Published: April 27, 2018 03:33 PM2018-04-27T15:33:58+5:302018-04-27T15:33:58+5:30
देश के इस सबसे अनोखे बाजार में आए दिन महिलाओं का जमावड़ा लगा होता है। महिलाएं सामान लेते समय मोलभाव भी बहुत अच्छे तरीके से करती हैं।
आपने कभी ना कभी अपने आस-पास की किसी लोकल मार्केट से शॉपिंग की होगी। महिलाओं के साथ पुरुषों ने भी कई बार लोकल बाजार से सामान खरीदा होगा लेकिन देश में एक ऐसा मार्केट भी है जहां सामान बेचने वाली और सामान खरीदने वाली दोनों ही महिलाएं होती हैं। क्योंकि इस बाजार में पुरुषों का आना सख्त मना है। जी हां आज हम आपको एक ऐसे ही बाजार के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सिर्फ महिलाओं का बोलबाला है। भारत के मणिपुर में एक ऐसा ही बाजार हैं जहां पर खरीददार तो सबसे ज्यादा महिलाएं हैं लेकिन दुकानदार के रूप में उनकी भागीदारी काफी अच्छी है।
500 सालों से चल रहा है ये बाजार
मणिपुर की राजधानी इम्फाल में ‘मदर मार्केट’ नाम से ये बाजार 500 सालों से लग रहा है। इस बाजार में आपको कोई भी पुरुष नहीं आता बल्कि उनका यहां आना वर्जित है। 500 सालों से महिलाएं यहां बाजार लगा रही हैं। इसका कारण ये है कि मणिपुर में ज्यादातर मर्द सीमा की रक्षा के लिए सेना में भर्ती होने चले जाते हैं जिसकी वजह से सारी जिम्मेदारी महिलाओं की हो जाती थी। धीरे-धीरे वक्त बीतता गया और ये मणिपुर के इस बाजार का चलन बन गया।
एशिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक
मदर मार्केट एशिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। यहां लगभग लगभग 5000 महिलाएं मिलकर बाजार लगाती हैं। इस बाजार में मछलियां, सब्जियां, बांस और धातुओं से बने शिल्प तथा अन्य वस्तुओं की बिक्री होती है। यहां महिलाएं प्रति वर्ष लगभग 50,000 से लेकर 2 लाख रुपए तक की कमाई कर लेती हैं। ये बाजार सिर्फ बाजार न होकर एक प्रकार का लर्निंग सेंटर भी है, जो महिलाओं को बाजार में कम करना सिखाता है।
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50 हजार से दो लाख तक कमाती हैं महिलाएं
देश के इस सबसे अनोखे बाजार में आय दिन महिलाओं का जमावड़ा लगा होता है। महिलाएं सामान लेते समय मोलभाव भी बहुत अच्छे तरीके से करती हैं। यहां दुकान पर बैठने वाली महिलाएं किसी पुरुष दुकानदार से कम नहीं होतीं। यहां समान बेचने वाली लगभग हर महिला की आय 50 हजार से दो लाश तक होती हैं।
बाजारों में तोलभाव के गुण सिखाता ट्रेनिंग सेंटर
इतने साल पुराना बाजार होने के कारण यहां की महिलाओं को बाजार के भाव तय करना या तोलमोल करना अच्छे से आता है। यहां अपने अनुभव से नई लड़कियों को बाजार में काम करने का तरीका सिखाया जाता है। आप कह सकते हैं कि ये बाजरों के तोलभाव के गुण सिखाता एक ट्रेनिंग सेंटर भी है।