भारत के इस शहर को कहते हैं इत्र नगरी, हर गली से आती है गजब की खुशबू

By मेघना वर्मा | Updated: March 20, 2018 18:19 IST2018-03-20T18:15:53+5:302018-03-20T18:19:57+5:30

इत्र बनाने के लिए मौसमी फूलों और कई वनस्पति का इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक रूप से बनाया गया इत्र अल्कोहल और रसायन मुक्त होता है।

India's Uttar Pradesh city kannauj is called a perfume city | भारत के इस शहर को कहते हैं इत्र नगरी, हर गली से आती है गजब की खुशबू

भारत के इस शहर को कहते हैं इत्र नगरी, हर गली से आती है गजब की खुशबू

भारत देश सभ्यताओं और संस्कृतियों का देश है। यहां की हर गली और हर शहर की अपनी एक कहानी है। आज हम आपको देश के जिस शहर की बात बताने जा रहे हैं उसे खूशबू या इत्र का शहर भी कह सकते हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले की। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर प्राचीन हथियारों और अन्य शिल्पकृतियों का एक समृद्ध संग्रह माना जाता है। यह नगर कई शासकों की राजधानी रह चुका है। यहां कई राजवंश जैसे कन्नौज-मोखारी वंश, नंद साम्राज्य, राष्ट्रकूट, पाल राजवंश, प्रतिहार राजवंश, चौहान, सोलंकी आदि का शासन रहा है। इसके अलावा यह नगर विदेशी यात्रियों का भी केंद्र बिन्दु रहा है। 

इत्रों का है ये शहर

कन्नौज शहर अपने इत्र के व्यापार के लिए देशभर में जाना जाता है। दशकों से इस शहर में फूलों के बने शुद्ध इत्र का उत्पादन और व्यापार किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कन्नौज के इस इत्र को मुग़ल सम्राटों तक भी पहुंचाया जाता था। बड़े पैमाने पर इत्र के उत्पादन के चलते इस शहर को भारत के इत्रों का शहर भी कहा जाता है। 

असली फूलों से बनते हैं यहां के इत्र

यहां इत्र बनाने की ये परम्परा सदियों से चलाई आ रही है। इस व्यापार में एक ही परिवार के बहुत से लोग काम कर रहे हैं। इत्र बनाने के लिए खुशबूदार फूलों और प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा सुगंधित पदार्थ जैसे कस्तूरी, केसर को भी प्रयोग में लिया जाता है। इत्र बनाने के लिए मौसमी फूलों और कई वनस्पति का भी इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक रूप से बनाया गया इत्र अल्कोहल और रसायन मुक्त होता है।

कन्नौज के धार्मिक स्थलों का करें दर्शन

आप यहां धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं। आप यहां गौरी-शंकर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं, यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। आप यहां अन्नपूर्णा मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। यह मंदिर मां अन्नापूर्णा को समर्पित हैं जिन्हें अन्न की देवी कहा जाता है।

49 तरह के पक्षियों को देखने का उठाइए अनुभव

कन्नौज जिले में लाख बहोसी अभयारण्य एक पक्षी अभयारण्य है, जो लाख और बहोसी गांवों के निकट दो झीलों को अपने में समाए लगभग 80 वर्ग किमी में फैला है। यह भारत के चुनिंदा पक्षी अभयारण्यों में गिना जाता है। यहां आने का सही समय नवंबर से लेकर मार्च का महीना है, इस दौरान आप यहां लगभग 49 पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं। पक्षियों के अलावा आप यहां कई जंगली जानवरों को भी देख सकते हैं, जिनमें सियार, नीली सांड, नेवला, मछली पकड़ने वाली बिल्लियां और बंदर शामिल हैं।

Web Title: India's Uttar Pradesh city kannauj is called a perfume city

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