कान फिल्म फेस्टिवल 2018: वेनिस से चलकर कान पहुंचा ये फिल्म फेस्टिवल, सेकेंड वर्ल्ड वॉर से है गहरा नाता
By मेघना वर्मा | Published: May 11, 2018 03:21 PM2018-05-11T15:21:05+5:302018-05-11T15:21:05+5:30
कान का नाम लेते ही सबसे पहले दिमाग में जो ख्याल आता है वो है गहरे नीले रंग के पानी के सामने एक शांत सा किनारा। कान शहर यहां मौजूद बीचेस के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।
फिल्मों और अवॉर्ड शो की बात करें तो सबसे पहले जिसका नाम ध्यान में आता है वो है फ्रांस में होने वाला कान फिल्म फेस्टिवल। 8 मई से शुरू हुए इस फेस्टिवल में देश-विदेश के बड़े-बड़े फिल्मी कलाकार, बेहतरीन फिल्में, फैशन का जलवा और दुनिया भर की मीडिया का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा। टीवी और अखबारों में दिखने वाले इस रंग-बिरंगे कांस्य फिल्म फेस्टिवल की बात करें तो इसका इतिहास 70 साल से भी पुराना है। सिर्फ यही नहीं दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह हिटलर का भी इस कान फिल्म फेस्टिवल से गहरा नाता है। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े फिल्म से जुड़े कुछ रोचक और महत्वपूर्ण बातों के बारें में बताएंगें साथ ही घूमाएंगें फ्रांस की सबसे खूबसूरत सिटी कान।आप भी जानिए सेलेब्स की पहली पसन्द कान के सबसे फेमस टूरिस्ट स्पॉट के बारे में जहां इस वेकेशन आप परिवार या दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं।
कान फिल्म फेस्टिवल का इतिहास
असल में इस फेस्टिवल की शुरुआत 1939 में ही हो गई थी। इसे शुरू करने के पीछे फ्रांस का मकसद दो तानाशाहों को मुंहतोड़ जवाब देना था। हालांकि, देखते ही देखते ये अब फिल्म जगत के अहम फेस्टिवल्स में से एक बन गया है। 1932 की बात करें तो दुनिया के पहले एनुअल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत वेनिस में की गई थी। हालाकिं तब इस फिल्म फेस्टिवल में आने वाली फिल्मों में फासीवाद और नारी प्रचार पर बनी फिल्में ही हुआ करती थीं। उस समय इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी और जर्मनी के एडॉल्फ हिटलर मिलकर फिल्में तय करते और आपस में ही मिलकर सभी प्राइज भी बांट लेते थे। इसका परिणाम ये निकला कि फ्रांस ने इसकी बराबरी करते हुए एक दूसरे फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत कर दी। बस इसी फैसले के बाद दुनिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत हुई जो आज तक उसी अंदाज में चल रहा है।
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सेकेंड वर्ल्ड वॉर से रिश्ता
जून 1939 में कान फिल्म फेस्टिवल की स्थापना हुई। इन सबके बाद पेरिस में ये घोषणा की गई कि 1 से 20 सितंबर तक ये फेस्टिवल चलेगा। उस वक्त इस रिजॉर्ट टाउन का कसीनो फिल्म इवेंट को होस्ट करने के लिए राजी हुआ था। फिल्म फेस्टिवल उस वक्त से और भी ज्यादा लोगों के ध्यान में आने लगा जब दूसरे विश्व युद्ध के चलते इसे पहले दिन ही रोक दिया गया था। 1 सितंबर की सुबह फिल्म की स्क्रीनिंग जैसे ही शुरू हुई खबर आ गयी कि हिटलर ने पोलैंड पर हमला बोल दिया है। पेरिस से फ्रेंच सरकार ने भी इसे लेकर कई ऑर्डर दे डाले। इसका परिणाम ये हुआ कि तुरंत इस फिल्म महोत्सव को रोकना पड़ा। इसी के दो दिन बाद फ्रांस और ब्रिटेन ने जर्मनी पर जंग का एलान कर दिया। ये सेकंड वर्ल्ड वॉर की शुरुआत थी, जो करीब 6 साल तक चली। इसी के बाद ये कान्स फिल्म फेस्टिवल लोगों के बीच चर्चा की विषय बनता गया।इसकी पौपुलैरीटी इतनी बढ़ गयी कि आज तक लोगों के बीच इतना पसंदीदा है।
दोबारा शुरू हुआ कान फिल्म फेस्टिवल
जंग खत्म होने के बाद 1946 में फ्रांस की प्रॉविन्शियल सरकार ने फ्रेंच रिवेरा में टूरिस्ट्स को दोबारा आकर्षित करने के लिए कान फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत को मंजूरी दे दी। इसके बाद 20 सितंबर 1946 में इस फेस्टिवल की शुरुआत हुई। 18 देशों के रिप्रेजेन्टेटिव इस फेस्टिवल का हिस्सा बने। हालांकि, इसके बाद फिर 1948 और 1950 में फेस्टिवल को आर्थिक दिक्कतों के चलते कैंसिल किया गया। पर 1952 से ये फेस्टिवल लगातार हो रहा है।
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फ्रांस की नीस सिटी के पास मौजूद कान्स बीचेज का शहर है, जहां ये फेस्टिवल होता है। कान्स शहर जितनी खूबसूरती और भव्यता से इस कान्स फिल्म फेस्टिवल का आयोजन करता है उतना ही खूबसूरत ये शहर खुद है.
बीच और संग्रहालयों का संगम है कान शहर
कान का नाम लेते ही सबसे पहले दिमाग में जो ख्याल आता है वो है गहरे मेले रंग के पानी के सामने एक शांत सा किनारा। बता दें कान शहर यहां मौजूद बीचेस के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां के समुद्र तटों को भी दो भागों में बांटा गया है एक पब्लिक और एक प्राइवेट।अगर आपको भी रॉयल छुट्टियां बितानी हो और शहर के भीड़-भाड़ से दूर रहना चाहते हों तो आप यहां के बीचों पर अपना वैकेशन सुकून से मना सकते हैं।यही कारण है कि फ़िल्मी सितारे भी यहां अपना वेकेशन मनाने चले आते हैं। कान के फेमस आकर्षण की बात करें तो उनमें संग्रहालयों और समुद्र के तटों के साथ कई रंग-बिरंगे गार्डन भी शामिल हैं।
म्यूजियम ऑफ़ वर्ल्ड ट्रेजर
संग्रहालय तो आप ने भिओ बहुत से घूमे होंगे कहीं पुराने ग्रन्थ देखे होंगे तो कहीं राजा-महाराजाओं के इस्तेमाल किये गए औजार लेकिन क्या आपने कभी सिविल वॉर में इस्तेमाल किये हुए औजार देखें हैं? अगर आप को भी दुनिया के इतिहास में रूचि है साथ ही डाईनासोर के साथ पहले और दूसरे विश्व युद्ध से जुड़े सामान, पुरानी कलाकृतियां 'आदि देखने को मिल जायेगी। बहुत हद तक संभव है कि जब आप यहां पहुचें तो किसी रोचक इवेंट का पार्ट बन जाएं। क्योंकि अक्सर इस संग्रहालय में तरह-तरह के और रोचक समारोह होते रहते हैं। जैसे कॉफ़ी विथ क्यूरेटर, अ नाईट अत होग्वार्ट आदि।
बोटेनिकल गार्डन
कान की खूबसूरती तब और भी बढ़ जाती है जब यहां के भव्य गार्डेन में लगे रंग-बिरंगे फूलों को आप देखते हैं। कान शहर में ऐसे कम से कम 10 गार्डन हैं जहां आपको दुनिया में मिलने वाले लगभग हर प्रजाति और हर तरह के फूल देखने को मिल जाएंगे। आप जभी कान घूमने आयें इन गार्डन्स की सैर पर जरूर आएं यहां आपको मन की शान्ति के साथ आंखों का सुकून भी मिलेगा।