सुखदेव नाम से लोकप्रिय भारतीय क्रांतिकारी सुखदेव थापर का जन्म 15 मई 1907 को ब्रिटिश भारत के लुधियाना में हुआ था। सुखदेव और उनके साथी भगत सिंह किशोरावस्था से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गये थे। दोनों लाहौर नेशनल कॉलेज के छात्र थे तभी से दोनों के बीच अभिन्न मित्रता भी थी। सुखदेव भी भगत सिंह, चंद्रेशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान और राजगुरु इत्यादि क्रांतिकारियों की तरह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे। सुखदेव को भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में ब्रिटिश शासन ने फांसी पर चढ़ा दिया। Read More
Martyrs' Day 2020 (Shaheed Diwas): 23 मार्च 1931 को आज ही के दिन ब्रिटिश हुकूमत ने लाहौर के जेल में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटकाया गया था। ...
Martyrs' Day 2020 (Shaheed Diwas): 23 मार्च 1931 को लाहौर के जेल में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटकाया गया था। फांसी पर चढ़ने के पहले तीनों देशभक्तों ने एक-दूसरे को लगे लगाकर इंक़लाब ज़िन्दाबाद के नारे लगाए थे। ...
भगत सिंह और सुखदेव केवल क्रांति की राह के साथ नहीं थे। दोनों के बीच प्रगाढ़ मित्रता थी और दोनों ही दुनिया के तमाम मसलों पर एक दूसरे से तीखी बहसें करते रहते थे। ...
8 अप्रैल, 1929 को असेंबली में बम फेंकने से पहले शायद 5 अप्रैल को दिल्ली के सीताराम बाजार के घर में उन्होंने सुखदेव को यह पत्र लिखा था जिसे शिव वर्मा ने उन तक पहुँचाया। पढ़िए क्या लिखा था उन्होंने उस पत्र में अपने मित्र सुखदेव को - ...
दुनियाभर में इन्हें पसंद करने वालों की तादाद लाखों करोड़ों में होगी, लेकिन यह बता पाना मुश्किल है कि इनमें से कितने लोगों को इस बात का इल्म होगा कि ऐसे स्वादिष्ट फास्ट-फूड को आप तक पहुंचाने वाली फास्ट फूड चेन मैकडोनाल्ड्स की शुरुआत 15 मई को ही हुई थी ...
शहीद दिवस 2019 पर पढ़ें वो पर्चा जो भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली स्थित संसद में बम फेंकने के बाद लोगों के बीच अपना वैचारिक पक्ष रखने के लिए फेंका था। ...
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में फांसी दे दी थी। इन तीन भारतीय क्रांतिकारियों के शहादत दिवस को भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। ...
शहीद दिवस 2019 पर पढ़िए क्रांतिकारी भगत सिंह और सुखदेव के निजी जीवन के अल्पज्ञात पहलू को उजागर करने वाला पत्र। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश शासकों ने 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ा दिया था। ...