शास्त्रों की मानें तो चंद्र मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की उपासना के लिए लोग प्रदोष का व्रत करते हैं। यह व्रत कृष्ण व शुक्ल दोनों पक्ष में होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से गोदान जितने पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आपको मृत्यु पश्चात उत्तम लोक प्राप्त होता है और अपने सांसारिक जीवन में भी आप निरोगी व स्वस्थ बने रहते हैं। सूर्यास्त से पूर्व स्नान आदि के बाद घर के ईशान कोण में स्थापित मंदिर में बैठकर पूजन करना चाहिए। Read More
Pradosh Vrat In March: शनि प्रदोष व्रत को बहुत कल्याणकारी माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। हर माह में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। ...
Weekly Festival (2 से 8 मार्च): ये मार्च महीने का पहला हफ्ता है। इस सप्ताह एकादशी और प्रदोष व्रत जैसे महत्वपूर्ण व्रत पड़ रहे हैं। देखिए पूरी लिस्ट ...
March Festival 2020: मार्च में हिंदी कैलेंडर का नया साल भी शुरू होने जा रहा है। चैत्र के पहले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। इसके अलावा कई व्रत-त्योहार हैं जो इस महीने पड़ेंगे। ...
Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत की विशेष पूजा शाम में होती है। माघ मास का ये आखिरी प्रदोष व्रत है। आज गुरुवार का दिन है इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है। ...