March Festival 2020: होली, रंग पंचमी, चैत्र नवरात्रि सहित मार्च में पड़ेंगे और कौन से व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 28, 2020 02:34 PM2020-02-28T14:34:08+5:302020-02-28T14:34:08+5:30
March Festival 2020: मार्च में हिंदी कैलेंडर का नया साल भी शुरू होने जा रहा है। चैत्र के पहले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। इसके अलावा कई व्रत-त्योहार हैं जो इस महीने पड़ेंगे।
March Festival 2020: फाल्गुन मास का ये शुक्ल पक्ष चल रहा है और मार्च महीने की भी शुरुआत होने जा रही है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ने जा रहे हैं। मार्च की 10 तारीख से हिंदी का चैत्र माह भी शुरू हो रहा है। इसमें होली, रंग पंचमी, नवरात्रि जैसे कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। देखिए मार्च-2020 में पड़ने वाले सभी त्योहारों की लिस्ट
6 मार्च (शुक्रवार): यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी के तौर पर जाना जाता है। एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। आमलकी एकादशी पर आंवला के पेड़ के नीचे विष्णु जी की पूजा का विधान है। इस व्रत को करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
7 मार्च (शनिवार): इस दिन त्रयोदशी तिथि है। हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा की परंपरा है। इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ने वाला है। इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। शनि के दोष से मुक्ति के लिए शनि प्रदोष का बड़ा महत्व है।
9 मार्च (सोमवार): ये फाल्गुन माह की पूर्णिमा का दिन है। इस दिन होलिक होलिका दहन की परंपरा है। इसी के अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन लक्ष्मी जयंती भी है।
10 मार्च (मंगलवार): रंगों के उत्सव होली का त्योहार इस दिन मनाया जाएगा। इस दिन से हिंदी कैलेंडर के नये साल की भी शुरुआत होगी। होली का त्योहार चैत्र के पहले दिन मनाया जाता है।
12 मार्च (गुरुवार): चैत्र के कृष्ण पक्ष की ये चतुर्थी तिथि है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन गणेश जी को पूजने की परंपरा है। हिंदू मान्यताओं में पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
13 मार्च (शुक्रवार): होली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है। इस कारण इसे रंग पंचमी कहा जाता है। महाराष्ट्र में इसे रंग पंचमी कहा जाता है। इस दिन के बाद होली के त्योहार का समापन होता है। मान्यता ये भी है कि इस दिन देवती होली खेलते हैं।
16 मार्च (सोमवार): यह चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का दिन होगा। इस दिन शीतला अष्टमी का व्रत किया जाएगा। शीतला माता का आशीर्वाद पाने के लिए सप्तमी और अष्टमी दोनों दिन व्रत किया जाता है। इस दिन कई घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। साथ ही इस दिन एक दिन पहले का बना हुआ बासी भोजन शीतला माता को भोग के तौर पर चढ़ाया जाता है।
19 मार्च (गुरुवार): यह चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन होगा। इसे पापमोचनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी करने वाला मनुष्य सभी पापों से मुक्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है। भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है।
21 मार्च (शनिवार): चैत्र मास के त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत इस बार 21 मार्च को पड़ रहा है।
25 मार्च (बुधवार): इस दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन से अगले नौ दिन तक मां शक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।