पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
मान्यता है कि इंदिरा एकादशी व्रत करने वाले जातकों को भगवान विष्णु जी की कृपा के साथ-साथ पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। ...
मान्यता है कि इंदिरा एकादशी व्रत करने वाले जातकों को भगवान विष्णु जी की कृपा के साथ-साथ पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। ...
श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं। उनके निमित्त कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को उनका आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। ...
इस साल 20 सितंबर से श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हुआ था, जो 06 अक्टूबर 2021 तक चलेंगे। आइए जानते हैं हिन्दू धर्म में श्राद्ध का महत्व क्या है और इस कर्मकांड को क्यों किया जाता है। ...
भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ होता है और सर्व पितृ अमावस्या यानि आश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता है। सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को है। इसी दिन श्राद्ध का समापन होगा। ...
Pitru Paksha: मान्यताओं के अनुसार जो लोग पितृपक्ष में दान और श्राद्ध आदि नहीं करते, उनके पितर भूखे-प्यास ही धरती से लौट जाते हैं और परिवार को पितृदोष लगता है। ...
Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध करना चाहिए। जिस व्यक्ति की जिस तिथि पर मृत्यु हुई, उसी तिथि पर उसका श्राद्ध किया जाना चाहिए। ...