Pitru Paksha 2021: श्राद्ध पक्ष में ये 5 उपाय करने से पितृदेव होते हैं प्रसन्न, सुख-समृद्धि का देते हैं आशीर्वाद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 25, 2021 02:48 PM2021-09-25T14:48:01+5:302021-09-25T14:51:21+5:30
श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं। उनके निमित्त कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को उनका आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
इस समय श्राद्ध चल रहे हैं। हिन्दू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। श्राद्ध में पितरों के तर्पण हेतु कर्मकांड किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ ऋण और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। भाद्रपद पूर्णिमा से आरंभ होने वाले श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या के दिन समाप्त होते हैं। इस बार सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं। उनके निमित्त कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को उनका आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। श्राद्ध से जुड़े ये उपाय इस प्रकार हैं -
पुष्प सहित करें पितरों का तर्पण
श्राद्ध पक्ष में रोजाना अपने दिवंगत पूर्वजों के तर्पण हेतु जल, जौं और काले तिल के साथ पुष्पों का प्रयोग करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
श्राद्ध के दिन खिलाएं ब्राह्मणों को भोजन
श्राद्ध पक्ष में पितरों की मृत्यु तिथि के दिन श्राद्ध करने का विधान होता है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त विशेष भोजन बनाया जाता है। श्राद्ध तिथि के दिन बाह्रणों को भी भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
पितरों के नाम से कराएं भागवत कथा
श्राद्ध पक्ष में पितरों के नाम से श्रीमद् भागवत कथा करवाने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। कहते हैं इससे उनकी आत्मा तृप्त होती है। उनके नाम से गरूड़ पुराण का पाठ, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध करना उत्तम माना गया है। ऐसा करने से कुंडली में पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पीपल के पेड़ की करें पूजा
श्राद्ध के दौरान प्रतिदिन पीपल या बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। दोनों वृक्ष देवतुल्य हैं। इन पर जल और काले तिल चढ़ाने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है और जातकों के जीवन में धन-समृद्धि आती है।
श्राद्ध में इन्हें जरूर कराएं भोजन
श्राद्ध पक्ष में गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन कराना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और वे अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
नोट: इस खबर में दी गई जानकारी, सटीकता एवं तथ्य लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। लोकमत इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।