निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और वर्तमान में भारत की रक्षामंत्री हैं। 2017 में रक्षामंत्री का पदभार संभालने से पहले उनके पास वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। इसके अलावा वो वित्त एवं कारपोरेट मामलों की राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। निर्मला सीतारमण के विषय में कहा जाता है कि वो भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री हैं। निर्मला का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था। उन्होंने मद्रास के तिरुचिरापल्ली से शुरुआती पढ़ाई की और उसके बाद सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए की पढ़ाई की। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए की पढ़ाई की है। वो चंद्रबाबू नायडू की कम्यूनिकेशन एडवाइजर भी रह चुकी हैं और बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली। Read More
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2022 का स्वागत किया और इसे पीपल फ्रेंडली और प्रोग्रेसिव बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि यह बजट भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। ...
Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। इससे जुड़ी सारी अपडेट आप यहां से हासिल कर सकते हैं। ...
राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, मोदी सरकार का बजट शून्य राशि का है। इस बजट में सैलरीड क्लास, मिडिल क्लास, गरीब और वंजित वर्ग, युवा, किसान और एमएसएमई सेक्टर के लिए कुछ भी नहीं है। ...
Budget 2022: इस बार का बजट एक बार फिर आयकरदाताओं को निराश कर गया। व्यक्तिगत करदाताओं को आयकर स्लैब में छूट की उम्मीद थी। ऐसा नहीं हुआ। कुछ अहम ऐलान भी हुए। पढ़ें बजट-2022 की 10 बड़ी बातें। ...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया। वहीं, इस बजट को लेकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष कुमार चौहान व नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का बयान सामने आया है। चौहान ने इस बार के बजट को बेहद संतुलित बताया है। वहीं, ज ...
आज यानि एक फरवरी को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने मेथनॉल सहित कुछ रसायनों पर कस्टम ड्यूटी कम करने की घोषणा की। ...
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसे समय में जब देश में बेरोजगारी, गरीबी और भूखमरी बढ़ रही है तब महामारी के दौरान बेतहाशा मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया? ...