Budget 2023: 7 लाख रुपये तक सालाना वेतन पाने वालों को नहीं देना होगा कोई आयकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने की घोषणा
By विनीत कुमार | Published: February 1, 2023 12:36 PM2023-02-01T12:36:51+5:302023-02-01T14:09:21+5:30
Budget 2023: निर्मला सीतारमण ने बजट-2023 पेश करते हुए करदाताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा की। 'नई कर व्यवस्था' (New Tax Regime) के तहत 7 लाख रुपये तक सालाना वेतन पाने वालों को कोई आयकर नहीं देना होगा।
नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए नौकरीपेशा वर्ग को कर छूट देने की घोषणा की है। वित्तमंत्री की घोषणा के अनुसार अब सात लाख रुपये तक सालाना आय वालों को आयकर नहीं देना होगा। जिन लोगों की सालाना आय सात लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें नए टैक्स स्लैब के तहत टैक्स देना होगा। वित्तमंत्री ने नई कर व्यवस्था (New tax regime) में टैक्स स्लैब का बैण्ड भी पहले के ढाई लाख के बजाय तीन लाख का कर दिया है।
यदि आपकी सालाना आय सात लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको निम्न टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा -
0-3 लाख- कोई कर नहीं
3-6 लाख= 5 प्रतिशत
6-9 लाख - 10 प्रतिशत
9-12 लाख - 15 प्रतिशत
12 - 15 लाख - 20 प्रतिशत
15 + लाख - 30 प्रतिशत
यदि आप ओल्ड टैक्स रेजिम चुनते हैं तो आपका कर निर्धारण उसी अनुसार होगा। उसमें आप 80C और 80 D इत्यादि के तहत छूट पा सकते हैं।
Budget 2023: नया टैक्स स्लैब क्या है?
नए टैक्स स्लैब के तहत 0-3 लाख रुपये की कर योग्य आय (सभी छूट के बाद) पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। तीन से छह लाख तक के आय पर 5 प्रतिशत कर लगेगा। 6 से 9 लाख की सलामा कमाई पर 10 प्रतिशत कर लगेगा। इसके अलावा 9 से 12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स, 12 से 15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, 'पहले नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्था में 5 लाख रुपये तक कोई कर नहीं देना पड़ता था। मैं नई कर व्यवस्था में इसकी सीमा 7 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखती हूं। ऐसे में 7 लाख रुपये सालाना तक की कमाई पर अब नई कर व्यवस्था में कोई कर नहीं देना होगा।'
स्टैंडर्ड डिडक्शन नई कर व्यवस्था में भी लागू
निर्मला सीतारमण ने एक और अहम ऐलान करते हुए कहा कि अब आयकर पर 50 हजार की मानक छूट (standard deduction) नई कर व्यवस्था में भी लागू होगी।
निर्मला सीतारमण ने नए स्लैबों की घोषणा करते हुए ये भी कहा कि पुरानी कर व्यवस्था अब केवल अब अनुरोध पर हासिल होगी। वहीं, जिसे अब तक नई कर व्यवस्था के रूप में जाना जाता था, उसे ही डिफॉल्ट व्यवस्था माना जाएगा