नवरात्रि के त्योहार के दौरान शक्ति की देवी माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का विधान है। इन दिनों में कई भक्त उपवास रखते हैं। नवरात्रि में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। इस त्योहार की शुरुआत पहले दिन कलश स्थापना से होती है। Read More
Chaitra Navratri 2020: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार 25 मार्च से होने जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन हिंदुओं का नया साल भी शुरू होता है। चैत्र नवरात्रि का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि मान्यताओं के अनुसार इसी नवमी के दिन भगवान राम का धरती ...
Chaitra Navratri: इस साल चैत्र नवरात्रि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। चैत्र नवरात्रि नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2:57 बजे से शुरू हो जाएगी। ...
नवरात्र के शुरुआत में ही घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना के बाद नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाई जाती है जो इस दौरान बुझनी नहीं चाहिए। इसकी विधि विधान से पूजा की जाती है। घट स्थापना के बाद ही भक्त उपवास का प्रण करता है और उपवास रखता है। घट स्थापना का शु ...
ज्योतिषों के अनुसार इस साल नवरात्रि के समय कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस साल चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरु हो रही है. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2:57 बजे से शुरु हो रही है और 25 मार्च को दोपहर 5:26 बजे तक रहेगी. 24 तारीख को दोप ...
इस साल नवरात्रि के समय कई शुभ संयोग बन रहे हैं. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 25 मार्च से हो रही है। प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2:57 बजे से शुरू होगी। ...
Magh Gupt Navratri: शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में भी कलश स्थापना की जाती है। नौ दिन तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की अराधना इस दौरान की जाती है। ...
नवरात्रि में पहले दिन से लेकर पूरे नौ दिनों तक जौ बोने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये परंपरा क्यों चली आ रही है? इसकी पीछे की वजह क्या है? नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना में जौ का खास महत्व माना जाता है। ...
Navratri 7th Day Maa Kalratri Puja Vidhi Shubh Muhurat: माता के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों को जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और वह सुख-शांति से जीवन यापन करता है। आज के दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करना जरूरी होता है। ...