उड़ीसा राज्य का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है। उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है। ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व भी है। इसमें भाग लेने के लिए, इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों, लाखों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, नारी देश के सुदूर प्रांतों से आते हैं। Read More
यात्रा में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से लाखों लोग पुरी पहुंचे हैं। त्योहार पर अपेक्षित भीड़ को ध्यान में रखते हुए ओडिशा पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। ...
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के लिए 'पहंडी' अनुष्ठान शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है। ...
सीएम नवीन पटनायक ने मस्जिद जाने का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ''अबू धाबी की शेख जायद मस्जिद का गुंबद मुगल वास्तुकला से प्रेरित भव्य नक्काशी का प्रतीक है। मुझे बताया गया है कि इसके लिए कारीगर और संगमरमर भी राजस्थान के मकराना गांव से आए थे। थोड़ा ...
Jagannath Rath Yatra 2022: दो साल के अंतराल के बाद शहर में पूर्ण रूप से रथ यात्रा निकाली जाएगी, क्योंकि 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण यह वृहद धार्मिक आयोजन सीमित तौर पर हुआ था। ...
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को प्रारंभ होती है और इस बार ये तिथि 1 जुलाई यानी कि शुक्रवार को है। इस कारण यात्रा 1 जुलाई को प्रारंभ होगी। ...
मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी को 108 घड़े के जल से स्नान कराया गया। इस महान अवसर को सहस्त्रधारा स्नान कहा जाता है। लेकिन बाद में इस स्नान के कारण वे सभी बीमार हो गए और जड़ी-बूटियों से उनका इलाज किय ...
Jagannath Rath Yatra 2022: वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के दौरान ये तीन रथ अपनी शाही संरचना और शानदार शिल्प कला के चलते हमेशा चर्चा में रहते हैं। यह रथ यात्रा 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से लेकर गुंडिचा मंदिर तक निकाली जाती है। ...