सरकार के इस बिल ने एक ही झटके में सब बराबर की भावना को प्रज्वलित किया है. नरेन्द्र मोदी को इसका अंदाजा हो गया था कि लोकसभा चुनाव से पहले तमाम जातियां आरक्षण का होर्डिंग लेकर सड़कों पर निकलेंगी, इसलिए उससे पहले ही सरकार ने यह राजनीतिक ब्रह्मास्त्र चल द ...
10 percent quota for economically weak: सवर्णों को आरक्षण देने का उद्देश्य केंद्र और राज्य में शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी नौकरियों, चुनाव और कल्याणकारी योजनाओं में हर वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है। ...
सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित कर दिया गया। लेकिन ये तो महज शुरुआत है। मोदी सरकार की तरकश में हैं कई और तीर जो बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित... ...
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गयी। ...
राज्यसभा ने करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संविधान (124 वां संशोधन), 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी गई।लोकसभा ने इस विधेयक को ही मंजूरी दी थी। जहां मतदान में 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी थी। ...
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी। ...
मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुख अपना सकती हैं। ...
साल 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गरीब पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण वाली सिफारिशों को लागू किया था जिसकों लेकर देश भर में अगड़ों में काफी हिंसक प्रतिक्रिया हुई थी ...