इतिहास गवाह है, 27% आरक्षण देकर चुनाव हार गए थे वीपी सिंह, 10% से बचेगी पीएम मोदी की गद्दी?

By स्वाति सिंह | Published: January 9, 2019 01:04 PM2019-01-09T13:04:04+5:302019-01-09T13:04:04+5:30

साल 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गरीब पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण वाली सिफारिशों को लागू किया था जिसकों लेकर  देश भर में अगड़ों में काफी हिंसक प्रतिक्रिया हुई थी

general reservation: when VP Singh government defeated after 27 per cent reservation, will PM Modi able to save by 10%? | इतिहास गवाह है, 27% आरक्षण देकर चुनाव हार गए थे वीपी सिंह, 10% से बचेगी पीएम मोदी की गद्दी?

इतिहास गवाह है, 27% आरक्षण देकर चुनाव हार गए थे वीपी सिंह, 10% से बचेगी पीएम मोदी की गद्दी?

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार कमजोर आर्थ‌िक स्थिति वाले सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक लेकर आई है। एक तरफ कांग्रेस समेत तमाम दलों ने लोकसभा में इसका समर्थन किया तो बाहर इसे चुनावी स्टंट बता दिया। लेकिन पीएम मोदी का यह मास्टरस्टोक कितना असरदार होगा इसका पता तो लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही होगा। पर दिलचस्प बात यह है कि लगभग 29 साल पहले ऐसा कुछ  यूपीए सरकार ने किया था जिसका कोई फायदा नहीं मिला था।

दरअसल, साल 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गरीब पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण वाली सिफारिशों को लागू किया था जिसको लेकर देश भर में अगड़ों में काफी हिंसक प्रतिक्रिया हुई थी। इस विधेयक के तहत पिछड़ों को आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। 27 फीसदी आरक्षण देने के बावजूद भी वीपी सिंह हार गए थे। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी आरक्षण के सहारे अपनी सत्ता को बचा पाएंगे?

जब देश में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी। उन्होंने ही साल 1978 को बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अगुवाई में मंडल आयोग गठन किया था। इसमें सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को 27 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद आयोग ने 12 दिसंबर, 1980 को अपनी रिपोर्ट पूरी कर ली लेकिन तब तक मोरारजी देसाई की सरकार गिर चुकी थी। तब एक बार फिर इंदिरा गांधी सरकार सत्ता वापसी हुई। फिर इंदिरा गांधी की हत्या की हत्या के बाद राजीव गांधी को पीएम घोषित किया गया। लेकिन उन्होंने भी मंडल आयोग की सिफारिश को अमल नहीं किया। 

इसके बाद जब जनता दल सरकार आई तो विश्वनाथ प्रताप सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया। तब उन्होंने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कर दिया। कहा जाता है कि वीपी सिंह के इस फैसले ने देश की सियासत बदल दी। इसके बाद सवर्ण समाज के युवा छात्र सड़क पर उतर आए थे। इसके साथ ही आरक्षण विरोधी आंदोलन के नेता बने राजीव गोस्वामी ने आत्मदाह कर लिया। वहीं, कांग्रेस भी खुलकर इसके विरोध में दिखी थी।

English summary :
Just before the Lok Sabha election 2019, the Modi government has come up with a bill to give 10 percent reservation for the economically weaker sections belonging to general category or upper caste (Swarn Aarakshan). On one side Congress along with other political parties supported it in the Lok Sabha, then told it to be an election stunt. Here is Indian political history of the government who issued reservation bill before the general elections.


Web Title: general reservation: when VP Singh government defeated after 27 per cent reservation, will PM Modi able to save by 10%?

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