Assembly Elections 2023: "भाजपा सत्ता में आयी तो अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोग जेल में होंगे", जी किशन रेड्डी ने पुलिस को धमकी देने वाले बयान पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 23, 2023 08:00 AM2023-11-23T08:00:36+5:302023-11-23T08:05:07+5:30
तेलंगाना भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी ने कहा कि अगर सूबे की सत्ता भाजपा के हाथ में आती है तो अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोग जेल में होंगे ।
हैदराबाद: तेलंगाना भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी द्वारा हैदराबाद में पुलिस अधिकारियों को दी गई कथित धमकी पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
तेलंगाना भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी ने कहा कि अगर सूबे की सत्ता भाजपा के हाथ में आती है तो अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोग जेल में होंगे ।
जी किशन रेड्डी ने बीते बुधवार को कहा, "बीजेपी के सत्ता में आने के बाद हम अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और उन्हे जेल भेजेंगे।"
इससे पूर्व असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर अकबरुद्दीन ओवैसी ने असम में किसी पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर ऐसी धमकी दी होती तो 'पांच मिनट' में मामला सुलझ जाता।
सीएम सरमा ने मामले में अकबरुद्दीन ओवैसी पर बरसते हुए कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनावी प्रचार की छूट है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई नियों को तोड़े और टोकने पर इस तरह से पुलिस अधिकारियों को धमकी दे।
उन्होंने कहा, "अगर असम में ऐसा हुआ होता तो सारा मामला केवल 'पांच मिनट' में सुलझ गया होता। तेलंगाना में हो रही तुष्टिकरण की राजनीति के कारण न तो बीआरएस कुछ कह पा रही है और न ही कांग्रेस। अगर आप खुलेआम पुलिस को धमकी दे सकते हैं, तो सोचिए लोगों को खतरा महसूस होगा।"
इसके साथ ही असम के सीएम ने चुनाव आयोग से अपील की कि वो अकबरुद्दीन ओवैसी की उम्मीदवारी के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उसे फौरन "रद्द" करे।
मालूम हो कि एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवेसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवेसी पर बुधवार को एक पुलिस इंस्पेक्टर को खुलेआम धमकी देने का मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी अकबरूद्दीन ओवैसी को उनसे विधानसभा क्षेत्र में चुनावी आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए कह रहा था।
इससे पहले साउथ ईस्ट जोन के डीसीपी रोहित राजू ने बताया कि अकबरुद्दीन औवेसी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "मामला आईपीसी की धारा 353 (आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा डालना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।"
वहीं अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, "डीसीपी और पुलिस अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। सबसे पहले मेरे पास एक पुलिस अधिकारी के मंच पर आने का वीडियो फुटेज है मेरे पास। कानून के तहत अगर मैं रात 10 बजे के बाद भाषण देता हूं तो पुलिस मुझ पर मामला दर्ज कर सकती है। लेकिन चुनावी बैठक में बाधा डालना और यह कहना कि समय समाप्त हो गया है, गलत है। पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए।"
दरअसल यह विवाद उस वक्त उठा, जब एआईएमआईएम नेता अकबरूद्दीन ओवैसी हैदराबाद के ललिताबाग में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उस वक्त मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने वक्त खत्म होने का हवाला देते हुए ओवैसी को बैठक खत्म करने के लिए कहा तो उन्होंने पुलिसकर्मी को कार्यक्रम स्थल "छोड़ने" के लिए कहा।
ओवैसी ने कहा, "क्या तुम्हें लगता है कि चाकुओं और गोलियों को झेलने के बाद मैं कमजोर हो गया हूं, अभी भी मुझमें बहुत साहस है। पांच मिनट बचे हैं और मैं पांच मिनट बोलूंगा। मुझे कोई नहीं रोक सकता। अगर मैं इशारा कर दूं तो तुम्हें भागना होगा।''
वहीं अपने भाई की इस बयान का बचाव करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पुलिस अधिकारी को बैठक के बीच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था क्योंकि चुनावी प्रचार की समय सीमा समाप्त होने में "पांच मिनट" बाकी था।
मालूम हो कि अकबरुद्दीन चंद्रायनगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में हैं। यह सीट एआईएमआईएम की गढ़ मानी जाती है। पार्टी ने साल 2014 और साल 2018 में यहां जीत हासिल की थी। तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।