Assembly Elections 2023: "कांग्रेस ने दलितों का इस्तेमाल केवल वोट बैंक के रूप में किया है", केसीआर ने चुनौती दे रही कांग्रेस को लताड़ा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 7, 2023 06:57 PM2023-11-07T18:57:33+5:302023-11-07T19:02:41+5:30
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि उन्होंने बीआरएस का गठन ही दलितों के कल्याण के लिए किया है।
चेन्नूर: तेलंगाना में सत्ता को फिर से अपने कब्जे में रखने के लिए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव लगातार विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं। सीएम केसीआर ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि उन्होंने बीआरएस का गठन ही दलितों के कल्याण के लिए किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री केसीआर ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यही कांग्रेस पार्टी थी, जिसने साल 1952 के संसदीय चुनाव में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को हराया था।
सीएम राव ने चेन्नूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनकी सरकार थी, जिसने राजधानी हैदराबाद में राज्य सचिवालय के पास दुनिया की सबसे ऊंची 125 फुट ऊंची अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की और अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए दलित बंधु जैसी योजनाएं भी शुरू की।
पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगते हुए केसीआर ने लोगों से कहा कि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से पहले राजनीतिक दलों के ट्रैक रिकॉर्ड को जरूर देखें कि क्योंकि उनका वोट अगले पांच साल के भाग्य का फैसला करेगा।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस द्वारा दलितों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। बीआरएस सरकार तब तक काम करेगी जब तक कि अंतिम दलित परिवार को दलित बंधु नहीं मिल जाता। अंबेडकर ने दलितों के लिए बहुत संघर्ष किया। यह कांग्रेस पार्टी थी, जिसने पहले संसदीय चुनाव में उनकी हार सुनिश्चित की थी। आपको इतिहास जानना चाहिए कि संसदीय चुनावों में किसने अंबेडकर को हराया था। कांग्रेस पार्टी ने न केवल उन्हें हराया बल्कि उनकी विचारधारा को भी लागू नहीं किया।"
कांग्रेस के अलावा भाजपा पर हमला करते हुए सीएम केसीआर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रेलवे और कोयला खदानों को भी बेच रही है।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड का मुनाफा बढ़ाकर उसके कर्मचारियों को बल दिया।
केसीआर ने कहा, "कांग्रेस की सरकार बेहद अक्षम और बेकार थी। इस कारण से वो एससीसीएल चलाने में असमर्थ थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एससीसीएल के भरोसे केंद्र से ऋण उठाया और चूंकि यह ऋण चुका नहीं सका, इसलिए उन्होंने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र को बेच दी।"
उन्होंने कहा कि बीआरएस पार्टी का जन्म तेलंगाना राज्य का दर्जा हासिल कराने और जनादेश मिलने पर उसके विकास करने के उद्देश्य से हुआ था।