फोन की फ्लैश लाइट से 10 सेकेंड में कोरोना मारने का दावा, ऐसे काम करती है ये मशीन

By रजनीश | Updated: July 2, 2020 12:29 IST2020-07-02T12:29:52+5:302020-07-02T12:29:52+5:30

कोरोना वायरस के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और अभी तक इसका कोई ठोस इलाज भी नहीं मिल पाया है। लेकिन लोगों से इससे बचाव के लिए हाथ धोने, फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है। इसके अलावा कोरोना से बचाव के उपायों की खोज जारी है..

Scientists develop a device smartphone and uses ultraviolet light to kill coronavirus | फोन की फ्लैश लाइट से 10 सेकेंड में कोरोना मारने का दावा, ऐसे काम करती है ये मशीन

फोटो क्रेडिट: सोशल मीडिया

Highlightsडिजिटल सैनेटारइजर को दक्षिण कोरिया की कंपनी UVLEN ने तैयार किया है।ये ऐसा डिवाइस है जिसकी मदद से स्मार्टफोन की फ्लैश लाइट के जरिए बैक्टीरिया को मारने का दावा किया जा रहा है। 

कोरोना वायरस का इलाज खोजने के लिए देश-दुनिया के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक लगे हुए हैं। कहीं वैक्सीन की खोज हो रही है तो कोई इस वायरस को रोकने के लिए डिवाइस बना रहा है। 

जब तक कोरोना का कोई इलाज नहीं मिल जाता तब तक इससे बचाव ही कोरोना के संक्रमण का इलाज है। फिलहाल साबुन से हाथ धोना, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना और फिजिकल डिस्टेंसिंग ही इस वायरस से बचने का प्रभावी उपाय हैं। 

dailymail.co.uk की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक डिजिटल सैनिटाइजर तैयार किया है। इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि स्मार्टफोन की फ्लैश लाइट से कोरोना जैसे वायरस और बैक्टीरिया मारे जा सकते हैं। जानें क्या है डिजिटल सेनेटाइजर..

इस डिजिटल सैनेटारइजर को दक्षिण कोरिया की कंपनी UVLEN ने तैयार किया है। ये ऐसा डिवाइस है जिसकी मदद से स्मार्टफोन की फ्लैश लाइट के जरिए बैक्टीरिया को मारने का दावा किया जा रहा है। 

इस डिवाइस की मदद से फोन की फ्लैश लाइट को अल्ट्रा वॉयलेट लाइट में बदला जा सकता है। ऐसे वायरस जो बहुत ही सूक्ष्म (ये आंखो से नहीं दिखते) वायरस होते हैं उनको मारने के लिए अल्ट्रा वॉयलेट का इस्तेमाल होता है।

इस डिवाइस में एक क्लिप होती है जिसकी मदद से फोन में लगी फ्लैश लाइट के ऊपर इसे लगाया जा सकेगा। इसके बाद फोन की फ्लैशलाइट, अल्ट्रावॉयलेट लाइट में बदल जाएगी। इसके बाद फ्लैश लाइट को ऑन करके किसी भी सतह पर 10 सेकेंड के लिए फोकस करना होगा। 

इस डिवाइस को अभी बाजार में पेश नहीं किया गया है लेकिन खबर के मुताबिक जल्द ही इसकी लॉन्चिंग होने वाली है।

इस अल्ट्रॉवॉयलेट डिवाइस की कीमत 25 डॉलर्स यानी करीब 1,887 रुपये होगी। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अल्ट्रा वॉयलेट लाइट से त्वचा (स्किन) से जुड़े रोग हो सकते हैं और आंखें भी खराब हो सकती हैं। 

हालांकि 207 से 222 नैनोमीटर वेवलेंथ की अल्ट्रा वॉयलेट लाइट से कोई नुकसान नहीं है। UVLEN को लेकर कंपनी का दावा है कि यह डिवाइस 100 फीसदी वायरस मारने में सक्षम है। 

कंपनी का कहना है कि UVLEN क्लिनिकली प्रमाणित है और यह परीक्षण में सफल भी हुआ है। यह डिवाइस प्रति दिन 50 बार हाथों को वायरस मुक्त कर सकता है। इस डिवाइस को किसी भी फ्लैशलाइट वाले स्मार्टफोन के साथ कनेक्ट किया जा सकता है।

Web Title: Scientists develop a device smartphone and uses ultraviolet light to kill coronavirus

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