मोदी सरकार ने 10 एजेंसियों को दिया आपसे पूछे बिना आपके कम्प्यूटर-लैपटॉप में झांकने का अधिकार
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: December 21, 2018 11:20 AM2018-12-21T11:20:31+5:302018-12-21T11:30:06+5:30
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए गुरुवार को 10 केन्द्रीय एजेंसियों को देश में चल रहे किसी भी कंप्यूटर में जासूसी करने की इजाजत दे दी है। सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइर या कोई भी कंप्यूटर यूजर इन एजेंसियों को सभी सुविधाएं और तकनीकि सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बाध्य होंगे। ऐसा न करने पर 7 साल की जेल या जुर्माना भी लग सकता है।
यूनियन होम सेक्रेटरी राजीव गौबा ने आधिकारिक तौर पर सेंट्रल एजेंसी को किसी भी कंप्यूटर से जारी किए गए किसी भी तरह की जानकारी, सुरक्षित और भेजे गए जानकारियों और उन पर निगरानी रखने का आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज या जानकारी को देख सकते हैं।
MHA: Competent authority hereby authorizes the following security and intelligence agencies (in attached statement) for purposes of interception, monitoring and decryption of any information generated, transmitted, received or stored in any computer resource under the said act pic.twitter.com/3oH9e7vv6T
— ANI (@ANI) December 21, 2018
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार जारी किए आदेश में 10 सेंट्रल एजेसियों जिनमें खुफिया ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय कर बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, कैबिनेट सचिवालय (आर एंड एडब्लू), निदेशालय, सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और असम के सेवा क्षेत्रों के लिए) और दिल्ली पुलिस आयुक्त को सभी कंप्यूटर की जासूसी और निगरानी रखने का अधिकार दिया है।
जारी किए गए नोटिस के अनुसार, सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइर या कोई भी कंप्यूटर यूजर इन एजेंसियों को सभी सुविधाएं और तकनीकि सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बाध्य होंगे। ऐसा न करने पर 7 साल की जेल या जुर्माना भी लग सकता है। 10 एजेंसियों को जारी किए गए निर्देश में 10 पुलिस और इंटिलिजेंस एजेंसियां शामिल है।