Facebook पर अमेरिका के एनजीओ ने लगाए गंभीर आरोप, कहा- फेसबुक आतंकी संगठनों के पेज करता है ऑटो-जेनरेट
By ज्ञानेश चौहान | Published: September 19, 2019 06:06 PM2019-09-19T18:06:33+5:302019-09-19T18:07:04+5:30
जिस ऑर्गेनाइजेशन ने यह शिकायत की है वह अमेरिका का एक एनजीओ है और उसका कहना है कि फेसबुक चरमपंथी मैसेजेस का मुकाबला नहीं कर पा रहा है।
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक को इस समय कई तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के नेशनल व्हिसलब्लोअर सेंटर (NWC) ने शिकायत की है कि खुद फेसबुक आतंकवादी संगठनों के पेजों को ऑटो-जनरेट करता है। NWC का कहना है कि फेसबुक ने अनजाने में दो चरमपंथी समूहों यानि इस्लामिक स्टेट समूह और अल-कायदा को नेटवर्किंग और रिक्रूटमेंट टूल प्रदान किया है, जिनके नाम से दर्जनों फेसबुक पेज बनाए गए हैं।
जिस ऑर्गेनाइजेशन ने यह शिकायत की है वह अमेरिका का एक एनजीओ है और उसका कहना है कि फेसबुक चरमपंथी मैसेजेस का मुकाबला नहीं कर पा रहा है। फेसबुक ने चार महीनों में इस मुद्दे पर बहुत ही कम प्रगति की है।
फेसबुक ने अपने बयान में कही ये बातें
अपने बयान में फेसबुक ने कहा है कि हमनें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मानव विशेषज्ञता की सहायता से आतंकी पोस्ट्स को डिलीट किया है। साथ ही, कंपनी ने न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए हमले के बाद ही कुछ पोस्ट को हटाया था। कंपनी ने अब तक 200 से अधिक हिंसक पोस्ट हटाए हैं। इसके अलावा आतंकी ग्रुप्स के अकाउंट्स पर भी बैन लगाया है। कंपनी ने यह भी कहा कि हमने सख्ती दिखाते हुए दो सालों में अपने प्लेटफॉर्म से 2.60 करोड़ आतंकी संगठनों के पोस्ट हटा दिए हैं।
फेसबुक ने आगे कहा है कि इन आतंकी संगठनों ने हमारे प्लेटफॉर्म के माध्यम से कट्टरता फैलाने की कोशिश की थी। इसके अलावा फेसबुक ने नंवबर में हिंसक पोस्ट पर रोक लगाने के लिए नए नियम भी लागू किए थे।