फेसबुक ने शुरू की न्यूज सर्विस, कंटेट के बदले देगा भारी रकम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 26, 2019 03:45 PM2019-10-26T15:45:40+5:302019-10-26T15:45:40+5:30
फेसबुक अपने न्यूज सेक्शन में ओरिजनल रिपोर्टिंग को भी जगह देने का प्लान बना रहा है। फेसबुक ने यह कदम कंपनी के फाउंडर मार्क जकरबर्ग की उस अपील के बाद उठाया है जिसमें जकरबर्ग ने 'क्वॉलिटी जर्नलिज्म' को बढ़ावा देने को कहा था।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने सिलेक्टेड पब्लिकेशंस के साथ यूएस में अपनी न्यूज सर्विस की शुरुआत की है। इस नए न्यूज टैब को फेसबुक अभी सिर्फ यूएस में रोलआउट किया है। इसे केवल 200,000 ऑडियंस के साथ टेस्ट किया जाएगा। फेसबुक ने साल 2014 में ट्रेंडिंग फीचर लॉन्च किया था जहां ट्रेंडिंग आर्टिकल्स दिखाये जाते थे।
इस फीचर के चलते फेसबुक पर खास लोगों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगने लगा जिसे 2018 में कंपनी ने इसे खत्म कर दिया। अब जो नया सेक्शन फेसबुक लॉन्च करने की तैयारी में है इस न्यूज (NEWS) कहा जा रहा है।
25 अक्टूबर को लॉन्च किये गये इस न्यूज टैब के जरिये फेसबुक सैकड़ों न्यूज पब्लिशर्स की खबरें दिखायेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि फेसबुक न्यूज टैब में कॉन्टेंट के लिये फेसबुक पैसे भी देगी। कहा जा रहा है कि फेसबुक हेल्थ, टेक, गैजेट, साइंस कई फीचर में खबरें दिखायेगा।
नए न्यूज टैब में बाकी न्यूज सर्विसेज जैसे रेग्युलर फीचर्स होंगे, जहां यूजर फ्रेंडली इंटरफेस के साथ आर्टिकल्स यूजर्स को दिखेंगे। यहां दिखने वाले 'Today's Stories' जैसे सेक्शन के लिए फेसबुक पर जर्नलिस्ट्स की टीम दिनभर की महत्वपूर्ण खबरें सिलेक्ट करेंगे। साथ ही यूजर्स अपनी पसंद के हिसाब से न्यूज को पर्सनलाइज कर सकेंगे। इन इंटरेस्ट टॉपिक्सम में बिजनस, इंटरटेनमेंट, हेल्थ, साइंट ऐंड टेक और स्पोर्ट्स शामिल होंगे। कई पब्लिशर्स इस सेक्शन में पेड सब्सक्रिप्शन भी यूजर्स को दे सकते हैं।
फेसबुक अपने न्यूज सेक्शन में ओरिजनल रिपोर्टिंग को भी जगह देने का प्लान बना रहा है। फेसबुक ने यह कदम कंपनी के फाउंडर मार्क जकरबर्ग की उस अपील के बाद उठाया है जिसमें जकरबर्ग ने 'क्वॉलिटी जर्नलिज्म' को बढ़ावा देने को कहा था। जकरबर्ग का मानना है कि यह सोशल मीडिया यूजर्स को वायरल अफवाहों और फेक न्यूज के झांसे में आने से बचाएगा। फेसबुक का नया सेक्शन सही और ऑथेंटिक खबरें यूजर्स तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।
गौरतलब है कि फेसबुक पर लंबे समय से फेक न्यूज और अफवाह फैलाने का आरोप लगता रहा है और फेसबुक ने भी कई बार इन पर लगाम लगाने की बात कही। इसके लिये फेसबुक ने फैक्ट चेक कंपनियों के साथ पार्टनर्शिप भी की। लेकिन इन सब के बावजूद भी फेकन्यूज औऱ अफवाहों पर लगाम लगता दिख नहीं रहा।