Facebook-WhatsApp आधार लिंकिंग: SC ने फेसबुक की याचिका पर गूगल-यूट्यूब को भेजा नोटिस, क्या आधार लिंक करना होगा जरूरी?
By जोयिता भट्टाचार्या | Updated: August 20, 2019 13:21 IST2019-08-20T13:19:44+5:302019-08-20T13:21:09+5:30
यूजर प्रोफाइल को आधार से जोड़ने को लेकर मामले स्थानांतरित करने की मांग कर रही फेसबुक की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र, गूगल, ट्विटर और अन्य को नोटिस जारी किया।

Facebook-Aadhaar linkage cases to proceed
सोशल मीडिया फेसबुक को आधार कार्ड से जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवाल को केंद्र सरकार, ट्विटर, गूगल और यूट्यूब को नोटिस जारी किया है। यूजर प्रोफाइल को आधार से जोड़ने को लेकर मामले स्थानांतरित करने की मांग कर रही फेसबुक की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र, गूगल, ट्विटर और अन्य को नोटिस जारी किया। देश भर के उच्च न्यायालयों में लंबित पड़ी याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने को लेकर Facebook की ओर से याचिका दायर की गई थी।
अब इस मामले में आगे की सुनवाई 13 सितंबर को होगी। सुनवाई के दौरान फेसबुक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने केरल हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि एक देश में दो कानून नहीं हो सकते। इसके अलावा हाई कोर्ट में उन मामलों के जो याचिकाकर्ता है, उनको भी नोटिस दिया गया है। WhatsApp की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्य मामला तो व्हाट्सऐप से जुड़ा है। ये सब मुद्दे सरकार की नीति से जुड़े हैं।
वहीं, व्हाट्सऐप की ओर से कहा गया है कि पॉलिसी मामले को हाई कोर्ट कैसे तय कर सकती है। ये संसद के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। व्हाट्सऐप की ओर कहा गया कि सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए, जिससे वह इस मामले को सुने और निपटारा करें।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक- आधार को लिंक करने के मामले की सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट में जारी रहने की अनुमति दी, लेकिन कहा कि अंतिम फैसला नहीं दिया जाएगा। Facebook की ओर से भी मांग की गई है कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करें। फेसबुक का कहना है कि ये निजता का मामला है।
Facebook और WhatsApp की तरफ से कहा गया कि कुल चार याचिकाएं दाखिल हुई हैं। इनमें से दो मद्रास में, एक ओडिशा में और एक मुंबई में। अपने पक्ष में कंपनी ने कहा कि लाखों कानून हैं जिनका पालन उसे करना पड़ता है।
Facebook-WhatsApp ने कहा कि सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। वहीं इन मामलों को सुने और उनका निपटारा करें। उसकी तरफ से सिब्बल ने कहा कि ‘ऐसा न हो कि एक हाई कोर्ट कुछ आदेश पारित करे और दूसरा हाई कोर्ट कुछ और। उन्होंने कहा कि ये ग्लोबल मामला है।’
