शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने पर ट्विटर को फटकार, हाईकोर्ट ने सुरक्षा देने से किया इनकार, कहा-करना होगा नियमों का पालन
By अभिषेक पारीक | Published: July 6, 2021 02:03 PM2021-07-06T14:03:07+5:302021-07-06T14:12:54+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ट्विटर को आठ जुलाई तक यह बताने का निर्देश दिया कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कब करेगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ट्विटर को आठ जुलाई तक यह बताने का निर्देश दिया कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कब करेगा। ट्विटर ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसके द्वारा स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि ट्विटर को कोई सुरक्षा नहीं दे रहे हैं। उन्हें नियमों का पालन करना होगा।
हालांकि न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि अदालत को यह सूचित नहीं किया गया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) की इससे पहले नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी जिनकी ओर से पहले ही इस्तीफा दिया जा चुका है। अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया कि माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर केंद्र सरकार के नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा।
कोर्ट ने पूछा-प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि आपकी प्रक्रिया में कितना वक्त लगता है? अगर ट्विटर को लगता है कि वह हमारे देश में जितना चाहे उतना समय ले सकता है तो मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगी। हाईकोर्ट में ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने कहा कि शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में दो सप्ताह का समय लग सकता है। पुवैया ने कहा कि दिल्ली और अमेरिका के टाइम जोन में अंतर है। इसलिए ट्विटर को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का वक्त चाहिए।
हाईकोर्ट ने दी सख्त चेतावनी
हाईकोर्ट ने ट्विटर से पूछा कि 21 जून को धर्मेंद्र चतुर के इस्तीफे के बाद भारत स्थित किसी नए शिकायत अधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। इस मामले में हाईकोर्ट ने कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि बेहतर होगा कि आप स्पष्ट प्रतिक्रिया के साथ आएं अन्यथा आप मुश्किल में पड़ जाएंगे।
ट्विटर को कोई सुरक्षा नहीं
हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि ट्विटर को पूर्व में ही तीन महीने का वक्त दिया जा चुका है। फिर भी उसने नियमों का पालन नहीं किया। हाईकोर्ट ने कहा, 'हम उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दे रहे हैं। हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है। उन्हें नियमों का पालन करना होगा।'
केंद्र ने दिया ये तर्क
साथ ही केंद्र सरकार ने कहा कि कंपनी की वेबसाइट के विवरण के अनुसार, भारत की शिकायतों को अमेरिका में एक अधिकारी द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है, जिसका अर्थ है नए आईटी नियमों का पालन न करना।