दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-केंद्र ट्विटर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है यदि...

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 8, 2021 21:19 IST2021-07-08T17:06:59+5:302021-07-08T21:19:26+5:30

केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि ट्विटर इंक भारत के नये आईटी नियमों का अनुपालन करने में नाकाम रहा है, जिससे वह आईटी अधिनियम के तहत प्रदत्त छूट खो सकता है।

Delhi High Court Centre free to take any action against Twitter if 8 weeks to appoint regular resident grievance | दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-केंद्र ट्विटर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है यदि...

ट्विटर ने यह भी कहा कि जब वह 2021 के नियमों का पालन करने का प्रयास कर रहा है।

Highlights सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आईटी नियमों का उल्लंघन करता है।11 जुलाई तक अंतरिम शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।2 सप्ताह में अंतरिम नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ट्विटर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, अगर यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आईटी नियमों का उल्लंघन करता है।

भारत के नए आईटी नियमों को लेकर सरकार बनाम ट्विटर विवाद कई दिन से जारी है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। हालांकि, ट्विटर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आईटी नियमों के तहत नियमित निवासी शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति के लिए उसे 8 सप्ताह का समय चाहिए।

इसने अदालत को यह भी बताया कि 6 जुलाई को अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति की गई है, 11 जुलाई तक अंतरिम शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी और 2 सप्ताह में अंतरिम नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी।

लेकिन ट्विटर ने यह भी कहा कि जब वह 2021 के नियमों का पालन करने का प्रयास कर रहा है। ट्विटर नियमों की वैधता और अधिकार को चुनौती देने का अधिकार सुरक्षित रखता है और अनुपालन के संबंध में ट्विटर के सबमिशन नियमों को चुनौती देने के अधिकार के पूर्वाग्रह के बिना दायर किए जाते हैं।

दरअसल, इससे पहले माइक्रोब्लॉगिंग मंच ट्विटर ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि अदालत को यह सूचित नहीं किया गया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की इससे पहले नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी और वह इस्तीफा दे चुके हैं।

अदालत ने कहा कि ट्विटर ने अंतरिम आरजीओ को नियुक्त किया था और 31 मई को अदालत को इस बारे में भ्रम में रखा , उसे यह नहीं बताया कि अधिकारी की नियुक्ति अंतरिम आधार पर की गई है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यदि उन्होंने 21 जून को इस्तीफा दे दिया तो ट्विटर कम से कम इतना तो कर ही सकता था कि इन 15 दिन में किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त करता, जब आप जानते थे कि इस मामले पर छह जुलाई को सुनवाई होनी है। आपको इस प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा? अगर ट्विटर को ऐसा लगता है कि मेरे देश में वह जितना समय चाहे ले सकता है, तो मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगी।’’

Web Title: Delhi High Court Centre free to take any action against Twitter if 8 weeks to appoint regular resident grievance

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