सोने से पहले मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं बेंगलुरुवासी, सर्वे में हुआ चौंकानेवाला खुलासा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 2, 2023 09:20 AM2023-04-02T09:20:35+5:302023-04-02T09:45:08+5:30

सर्वेक्षण के मुताबिक, देर से सोने के बावजूद, बेंगलुरु के 29 प्रतिशत लोग सुबह 7 से 8 बजे के बीच उठ गए। वहीं 60 प्रतिशत लोगों ने काम के दौरान नींद महसूस की। लगभग 34 प्रतिशत ने सुबह तरोताजा महसूस न करने की बात कही।

Bangaloreans stick to mobile phones before sleeping shocking revelation in the survey | सोने से पहले मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं बेंगलुरुवासी, सर्वे में हुआ चौंकानेवाला खुलासा

सोने से पहले मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं बेंगलुरुवासी, सर्वे में हुआ चौंकानेवाला खुलासा

Highlightsएक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि 91 प्रतिशत बेंगलुरुवासी सोने से पहले बिस्तर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया। सर्वेक्षण में शामिल 38 प्रतिशत वैसे लोग मिले जो बिस्तर पर लेटे-लेटे सोशल मीडिया को ब्राउज किया।

बेंगलुरू: एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि अधिकांश बेंगलुरुवासी सोने से पहले अपने मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। हाल ही कराए गए एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि 91 प्रतिशत लोगों ने सोने से पहले बिस्तर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया। जबकि 38 प्रतिशत ने लेटे-लेटे सोशल मीडिया को ब्राउज किया। इसके अलावा इनमे से 29 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्हें काम से निकाले जाने की चिंता थी वे अनिद्रा के शिकार थे।

गद्दे का निर्माण करने वाली कंपनी वेकफिट द्वारा फरवरी 2022 से मार्च 2023 तक बेंगलुरु और देश के बाकी हिस्सों में किए गए 'ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड' के तहत नींद पर किए गए एक सर्वेक्षण में ये आंकड़े सामने आए। व्यापक सर्वेक्षण के छठे संस्करण में 10,000 से अधिक लोग शामिल किए गए थे। जिसमें से बेंगलुरु के विभिन्न आयु समूहों के 4,000 लोगों के सोने के पैटर्न को दिखाया गया।

26 प्रतिशत 'अनिद्रा' के शिकार

13 महीने के सर्वेक्षण से पता चला कि 61 प्रतिशत लोग रात 11 बजे के बाद बिस्तर पर जाते हैं, जबकि आदर्श सोने का समय रात 10 बजे माना जाता है। देर से सोने के बावजूद, बेंगलुरु के 29 प्रतिशत लोग सुबह 7 से 8 बजे के बीच उठ गए। वहीं 60 प्रतिशत लोगों ने काम के दौरान नींद महसूस किया। लगभग 34 प्रतिशत ने सुबह तरोताजा महसूस न करने की बात कही।

दिलचस्प बात यह है कि 32 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो बिस्तर के बजाय अन्य जगहों पर सोते थे। इस बीच, 40% लोगों ने कहा कि बेडरूम के वातावरण ने उनकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित किया है, जबकि 20% का मानना था कि बेहतर गद्दे से उनकी नींद में सुधार हुआ है। वहीं 26% को महसूस हुआ कि वे अनिद्रा से पीड़ित हैं।

नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निम्हान्स) में क्लिनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर और सर्विसेज फॉर हेल्दी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी (SHUT) क्लिनिक के कोऑर्डिनेटर डॉ. मनोज कुमार शर्मा के मुताबिक एक वयस्क को दिन में 6-7 घंटे की नींद की जरूरत होती है। वह बेहतर नींद के लिए डिजिटल स्वच्छता का अभ्यास करने की सलाह देते हैं।

Web Title: Bangaloreans stick to mobile phones before sleeping shocking revelation in the survey

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